धर्म

PM मोदी के आगमन पर दुल्हन की तरह सजी अयोध्या, 500 क्विंटल फूलों से गुलजार हुई धर्मनगरी – Utkal Mail

नई दिल्ली। देश दुनिया में करोड़ो रामभक्तों की आस्था के केंद्र अयोध्या में रामलला के श्रीविग्रह को भव्य मंदिर में सुशोभित किए जाने से पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राम की नगरी में शनिवार यानि आज  करीब 16 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देकर विकास के एक नये युग का सूत्रपात करेंगे। मोदी अयोध्या में अपने एक दिवसीय दौरे में 15 हजार 700 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। 

500 क्विंटल फूलों से गुलजार हुई धर्मनगरी
त्रेता युग में जिस तरह दुल्हन की तरह प्रभु राम की नगरी सजी थी। कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों अयोध्या की सड़कों पर देखने को मिल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए एयरपोर्ट से लेकर सड़कों को फूलों से सजाया गया है। लगभग 500 क्विंटल देसी-विदेशी फूलों से रामनगरी के चौक-चौराहों पर सजावट किया गया है। एयरपोर्ट बाईपास से फोरलेन धर्मपथ, साकेत पेट्रोल पंप, हनुमानगढ़ी के रास्ते लगभग 9 किमी. से अधिक दूरी तय करने में 40 से अधिक तोरणद्वार बनाए जाएंगे। यहां रेलिंग डिवाइडर-मूर्तियों आदि को फूलों व बुके से सजाया जाएगा।

श्रीराम की नगरी से देश के विभिन्न शहरों के लिए भी सौगातों का पिटारा खुलेगा। प्रधानमंत्री देश के अलग अलग स्टेशनों से संचालित होने वाली छह वंदे भारत और दो अमृत भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इससे पहले मोदी पुनर्विकसित अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसी के साथ 30 दिसंबर 2023 की तिथि अयोध्या के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित हो जाएगी और भगवान श्रीराम की नगरी में विकास के नया युग का शुभारंभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुनर्विकसित अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 

साथ ही माता वैष्णो देवी कटड़ा-नई दिल्ली, अमृतसर-नई दिल्ली, कोयम्बटूर-बेंगलुरु, मंगलूरु-मडगांव, जालना-मुंबई एवं अयोध्या-आनंद विहार टर्मिनल के बीच छह वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के साथ ही अयोध्या-दरभंगा एवं मालदा टाउन-बेंगलुरु के बीच दो अमृत भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। सनानत संस्कृति के अनुसार, विश्व का पहला साम्राज्य वैवस्वत मनु द्वारा स्थापित किया गया था जिसकी राजधानी अयोध्या ही थी। यह अयोध्या नगरी ही थी जिसने राजा शिवि के बलिदान, भगीरथ की तपस्या, हरिश्चंद्र की सत्यवादिता, इक्ष्वाकु और रघु के पराक्रम का प्रतिमान रहे सूर्यवंश का साक्षात्कार किया और बाद में इसी कुल में जन्मे प्रभु श्रीराम द्वारा ‘राम राज’ के आदर्श को यथार्थ बनते देखा। 

ऐसी वैभवशाली अयोध्या सदियों की अपेक्षा और पराभव के बाद आज एक बार फिर उठ खड़ी हुई है और तेजी से अपने पुराने वैभव की ओर बढ़ चली है। कभी पुष्पक विमान का संचालन देख चुकी अयोध्या आज एक बार फिर महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में हवाई यातायात से जुड़ने को तैयार है। 1462.97 करोड़ रुपए की लागत से बना महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट आधुनिक सुविधाओं से लैस होने के साथ ही अयोध्या के त्रेतायुगीन वैभव की याद दिलाता है। 

इस एयरपोर्ट का वास्तु और डिज़ाइन बेहद ख़ास है। यह पूरी तरह से श्रीराम के जीवन से प्रेरित है तथा ‘नागर शैली’ के आधार पर इसका विकास किया गया है। इसके सात शिखर हैं जिसमें से एक मुख्य शिखर बीच में और आगे तीन और पीछे तीन शिखर हैं। एयरपोर्ट पर प्रभु श्रीराम का चित्रण कई स्तरों पर किया गया है। एयरपोर्ट के बाहर तीर-धनुष का बड़ा म्युरल लगाया गया है जो श्रीराम के पुरुषार्थ का प्रतीक है। वहीं, एयरपोर्ट की लैंडस्केपिंग में रंगों के प्रयोग को पंच तत्वों से प्रेरित होकर रखा गया है। 

एयरपोर्ट का मुख्य भवन में सात खंबों का इस्तेमाल किया गया है जो रामायण के सात काण्ड को दर्शाते हैं। वहीं, सभी आधुनिक सुख-सुविधाओं से लैस एयरपोर्ट की सजावट में दो प्रकार की म्यूरल पट्टिकाओं का प्रयोग किया गया है, जिनका नाम दैविक व खंडिका पट्टियां हैं। इसके अतिरिक्त, एक वॉल म्यूरल महाबलि हनुमान को भी समर्पित किया गया है। इसमें हनुमान जी के जन्म से अयोध्या में प्रभु श्रीराम की आज्ञा अनुसार उनके स्थापित होने तक का पूरा चित्रण है। वहीं, तीन मंजिला ऊँचा राम दरबार और मधुबनी पेंटिंग में बना सीता-राम विवाह का चित्रण यहां आने वाले सभी लोगों का मन मोह लेगा। 

उल्लेखनीय है कि एयरपोर्ट से 11 जनवरी 2024 से अहमदाबाद और अयोध्या के बीच प्रतिदिन तीन उड़ानों का संचालन होगा। वहीं, छह जनवरी को पहली फ्लाइट दिल्ली से अयोध्या के बीच उड़ान भरेगी। शुरुआती संचालन के बाद इस एयरपोर्ट से इंटरनेशनल फ्लाइट्स को ऑपरेशनल करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसके बाद अयोध्या ग्लोबल सर्किट से सीधे तौर पर जुड़ जाएगा और यह अयोध्या के लिए खोए गौरव को प्राप्त करने वाला क्षण होगा। 

पुनर्विकसित अयोध्या धाम जंक्शन में फूड प्लाजा, पूजा सामग्री की दुकानों समेत कई आधुनिक सुविधाएं 
नये सिरे से तैयार अयोध्या रेलवे स्टेशन में लिफ्ट, एस्केलेटर, ‘फूड प्लाजा’, बच्चों की देखभाल के लिए कमरे और पूजा सामग्री की जरूरतों के लिए दुकानों समेत कई आधुनिक सुविधाएं हैं। अब इस स्टेशन का नाम बदलकर अयोध्या धाम जंक्शन रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले महीने अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले 30 दिसंबर को पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे।

उत्तर रेलवे ने कहा कि राम मंदिर से पैदल दूरी पर स्थित स्टेशन पर तीन मंजिला इमारत और नयी सुविधाओं के निर्माण पर 241 करोड़ रुपये की लागत आई। रेलवे ने कहा नये स्टेशन भवन में यात्रियों की आवाजाही के लिए ज्यादा जगह होगी। रेलवे ने कहा कि कि यात्रियों के आगमन और प्रस्थान के लिए अलग-अलग प्रावधान किए गए हैं और यात्रियों की सुविधा के लिए लिफ्ट, एस्केलेटर, ‘फूड प्लाजा’, पूजा सामग्री की जरूरतों के लिए दुकानें, ‘क्लॉकरूम’ और बच्चों की देखभाल के कमरे जैसी सुविधाएं प्रदान की गई हैं। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने कहा, ‘‘हमने भूतल के साथ-साथ पहली मंजिल पर भी आकर्षक ‘प्रतीक्षा कक्ष’ का निर्माण किया है। स्टेशन की इमारत सभी के लिए सुलभ होगी और इसे ‘ग्रीन स्टेशन बिल्डिंग’ के लिए आईजीबीसी (इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल) प्रमाणन मिला है।’’

श्रीराम मंदिर में लगेगा रामेश्वरम से आया छह क्विंटल का घंटा 
भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर बनने वाले मंदिर में रामेश्वरम से भेंट स्वरूप आया छह क्विंटल वजन का एक अद्भुत एवं विशाल घंटा लगाया जाएगा जिसकी आवाज मंदिर से 10 किलोमीटर के दायरे में सुनाई देगा। अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए जिस कार्यशाला में पत्थरों की तराशी और नक्काशी की जा रही है उसी कार्यशाला में सुदूर दक्षिण में तमिलनाडु के रामेश्वरम के सुप्रसिद्ध रामनाथ स्वामी मंदिर की ओर से आया यह 613 किलोग्राम वजन का भव्य घंटा रखा है। 

कार्यशाला में उपस्थित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के पदाधिकारियों ने बताया कि यह घंटा अष्टधातु का बना हुआ है। इतने बड़े घंटे में किसी तरह का कोई जोड़ नहीं है। यह एक ही बार में तैयार किया गया है। उनका कहना है कि जब यह घंटा बजेगा तो 10 किलोमीटर तक इसकी आवाज सुनाई देगी। बताया गया है कि इस घंटे को प्राण प्रतिष्ठा के दो तीन दिन पहले लगा दिया जाएगा। स्थानीय लोगों के अनुसार अयोध्या धाम से अयोध्या छावनी की दूरी करीब आठ किलोमीटर है। इससे यह जाहिर है कि इस समय पूरे अयोध्या की परिधि 10 किलोमीटर से अधिक नहीं है। इसलिए जब घंटा बजेगा तो इसकी गूंज है पूरे अयोध्या वासियों को सुनाई देगी। 

ये भी पढ़ें- अयोध्या: अब महार्षि वाल्मीकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा नए एयरपोर्ट का नाम, पीएम मोदी ने देशवासियों को दी बड़ी जानकारी


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