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आतंकी संगठन ULFA(I) ने पूरे असम में 24 बम लगाने का किया दावा, खोजबीन में जुटी पुलिस  – Utkal Mail

गुवाहाटी। प्रतिबंधित संगठन उल्फा (आई) ने बृहस्पतिवार को असम में 24 स्थानों पर बम लगाने का दावा किया जिसके बाद सुरक्षा बलों के कई दलों को उनकी खोजबीन के लिए रवाना किया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उल्फा (आई) द्वारा बताए गए सभी स्थानों पर बम निरोधक दस्ते भेजे गए हैं, लेकिन किसी बम या विस्फोटक के पाये जाने की कोई सूचना नहीं है। 

‘पीटीआई-भाषा’ समेत अन्य मीडिया संस्थानों को कथित तौर पर ‘यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट’ (उल्फा-आई) की ओर से भेजे गए एक ईमेल में उग्रवादी संगठन ने दावा किया कि बम ‘तकनीकी विफलता’ के कारण नहीं फटे। इसने 19 बमों के सटीक स्थान की पहचान करते हुए एक सूची दी और कहा कि पांच और विस्फोटकों के स्थानों का पता नहीं लगाया जा सका है। इसने बमों को निष्क्रिय करने में जनता से सहयोग मांगा। 

संपर्क करने पर असम पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जिलों के सभी पुलिस अधीक्षक (एसपी), विशेष रूप से उल्फा के शांति वार्ता विरोधी गुट द्वारा सूची में उल्लिखित जिलों को सतर्क कर दिया गया है और क्षेत्रों में गहन खोजबीन करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘बम निरोधक दस्ते, ‘मेटल डिटेक्टर’ और खोजी कुत्तों को हर स्थान पर भेजा गया है। अभी तक हमें बम मिलने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।’’ हालांकि, नागांव, लखीमपुर और शिवसागर में कुछ स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने ‘बम जैसी कुछ सामग्री’ बरामद की है। इन 24 स्थानों में से आठ गुवाहाटी में हैं। इनमें दिसपुर में असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा समेत अन्य मंत्रियों के आधिकारिक आवास के पास ‘लास्ट गेट’ पर एक खुला मैदान शामिल है। दूसरी जगह गुवाहाटी में नारेंगी में सैन्य छावनी की ओर जाने वाला सतगांव मार्ग है। 

इसके अलावा राजधानी के आश्रम रोड, पानबाजार, जोराबाट, भेटापारा, मालीगांव और राजगढ़ में भी बम लगाने का दावा किया गया है। शिवसागर, डिब्रूगढ़, लखीमपुर, नागांव, नलबाड़ी, तामुलपुर, तिनसुकिया और गोलाघाट जिलों के उन स्थानों के भी नाम बताए गए हैं जहां उल्फा (आई) ने बम लगाने का दावा किया है। पुलिस ने ईमेल में उल्लिखित स्थानों और उसके आसपास की सभी सड़कों को बंद कर दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सभी स्थानों पर पहुंच गए हैं और खोजबीन अभियान की निगरानी कर रहे हैं। 

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