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कोर्ट का फैसला, नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म व उसे भट्टी में जलाने के दो दोषियों को सुनाई मौत की सजा – Utkal Mail

जयपुर। राजस्थान के भीलवाड़ा की पोक्सो अदालत ने एक नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म व उसे कोयला भट्टी में जलाने के मामले में दो दोषियों को सोमवार को मृत्युदंड की सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक महावीर सिंह किशनावत ने यह जानकारी दी। उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘इस मामले में दो दोषियों कालू व कान्हा, जिन्होंने नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म किया और उसकी हत्या की, को मौत की सजा सुनाई गई है।’’ 

उन्होंने कहा कि जिस तरह से नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म किया गया, उसके साथ मारपीट की गई और फिर उसे जिंदा ही भट्टी में जला दिया गया, इसे अदालत ने ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ मानते हुए दोनों दोषियों कालू व कान्हा को आज मौत की सजा सुनाई है। उल्लेखनीय है कि अदालत ने शनिवार को दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया था। दोनों दोषियों की सजा सोमवार को सुनाई गई। 

अदालत ने इस मामले में साक्ष्य मिटाने के आरोपी सात व्यक्तियों को बरी कर दिया था। इनमें तीन महिलाएं व चार पुरुष हैं। पिछले साल अगस्त में हुई यह घटना राजस्थान में एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन गई थी और उस समय विपक्षी दल, भारतीय जनता पार्टी ने महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था। उल्लेखनीय है कि गत दो अगस्त को कोटड़ी थाना क्षेत्र में 14 साल की एक नाबालिग के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसे कोयला भट्टी में फेंक दिया गया था।

वह इलाके में बकरियां चराने गई थी। कोटड़ी अब नवगठित शाहपुरा जिले में आता है। पुलिस ने इस घटना के लिए भट्टियों के पास ही रह रहे कालबेलिया समुदाय के आरोपियों को गिरफ्तार किया था। ये लोग उन भट्टियों में कोयला बनाने का काम करते थे। किसनावत के अनुसार, सामूहिक दुष्कर्म के बाद आरोपियों को लगा कि नाबालिग मर गई है और उन्होंने उसे भट्ठी में फेंक दिया। 

वहीं फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जब लड़की को भट्टी में फेंका गया तब वह जीवित थी क्योंकि उसकी मौत जलने के कारण हुई। घटनास्थल पर एक कतार में कुल पाँच भट्टियाँ थीं और उनमें से एक असामान्य रूप से पूरी तरह से बंद किए बिना ही चल रही थी। स्थानीय लोगों को इस पर शक हुआ क्योंकि आमतौर पर भट्टी पूरी तरह से बंद होती है। लोगों को वहां लड़की का कंगन मिला जिसके बाद हड्डियां बरामद की गईं।

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