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बंगाल उपचुनाव: तृणमूल कांग्रेस ने हासिल की जबरदस्त जीत, इस सीट पर बनाया रिकॉर्ड   – Utkal Mail

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा उपचुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की, जिसमें उसने भाजपा से रायगंज, बागदा और राणाघाट दक्षिण सीट छीन लीं तथा मानिकतला में रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की। इस तरह तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में मिली जीत का सिलसिला जारी रखा। तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों कृष्णा कल्याणी, मधुपर्णा ठाकुर, मुकुट मणि अधिकारी और सुप्ति पांडे ने क्रमशः रायगंज, बागदा, राणाघाट दक्षिण और मानिकतला सीट पर जीत हासिल की। उपचुनाव के नतीजों से यह प्रतीत होता है कि तृणमूल कांग्रेस ने न केवल 2021 के विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन में सुधार किया है, बल्कि हाल में संपन्न संसदीय चुनावों में मिली सफलता का सिलसिला बनाये रखा। 

राज्य की चार विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को मतदान हुआ था। भाजपा सभी चार सीट पर दूसरे स्थान पर रही, जबकि वाम-कांग्रेस गठबंधन तीसरे स्थान पर रहा और दो विधानसभा क्षेत्रों में उसकी जमानत जब्त हो गई। उत्तर दिनाजपुर जिले के रायगंज में कल्याणी ने भाजपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मानस कुमार घोष पर 50,077 मतों के अंतर से जीत हासिल की। उत्तर 24 परगना जिले की राणाघाट दक्षिण सीट पर तृणमूल कांग्रेस के मुकुट मणि अधिकारी ने भाजपा उम्मीदवार मनोज कुमार बिश्वास को 39,048 मतों से हराया। निर्वाचन आयोग के अनुसार तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार मधुपर्णा ठाकुर ने उत्तर 24 परगना जिले की बागदा विधानसभा सीट पर भाजपा के अपने प्रतिद्वंद्वी बिनय कुमार बिश्वास को 33,455 मतों से पराजित किया। 

मानिकतला सीट पर तृणमूल प्रत्याशी सुप्ति पांडे ने भाजपा के कल्याण चौबे को 62,312 मतों से हराया। वर्ष 2021 के राज्य चुनाव में, कल्याणी ने भाजपा की टिकट पर लगभग 21,000 मतों के अंतर से सीट जीती थी, लेकिन 2024 के आम चुनाव में, तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद, कल्याणी लगभग 47,000 मतों के अंतर से पीछे रह गईं और अंततः रायगंज लोकसभा सीट भाजपा के कार्तिक पॉल से हार गईं थी। लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद हुए ये उपचुनाव भाजपा के लिए एक अग्निपरीक्षा की तरह थे, क्योंकि पार्टी को उम्मीद थी कि उसे यहां सफलता मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी ने पार्टी की शानदार जीत के लिए लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम पर भरोसा जताने के लिए हम जनता का आभार व्यक्त करते हैं। हम 21 जुलाई को शहीद दिवस पर होने वाली रैली में उपचुनाव और लोकसभा चुनाव में मिली जीत को शहीदों को समर्पित करेंगे।’’ इस जीत के साथ ही 294 सदस्यीय विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के विधायकों की संख्या 215 हो गई है। इसके अलावा उसे उन तीन भाजपा विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है, जो सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो गए हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक सदन से इस्तीफा नहीं दिया है। राज्य विधानसभा में भाजपा की आधिकारिक संख्या 2021 में 77 से घटकर 71 हो गई है। 

उपचुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य भाजपा के एक नेता ने कहा कि पार्टी आत्मचिंतन करेगी। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने आरोप लगाया, ‘‘हम अपने प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे, लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं होने दिए और बहुत सारी अनियमितताएं हुईं। सत्तारूढ़ पार्टी ने आतंक का राज कायम कर रखा है।’’ तृणमूल कांग्रेस ने तुरंत पलटवार करते हुए आरोपों को ‘‘निराधार’’ बताया। तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में पिछले लोकसभा चुनाव में लोगों ने भाजपा को नकार दिया था और उपचुनाव में भी यही हुआ है। उपचुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थे, यह आरोप सिर्फ अपनी विफलताओं को छिपाने का एक बहाना है।’’ 

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