सेबी ने सहारा पर की बड़ी कार्रवाई, निदेशक, प्रमोटर व प्रबंधकों के अकाउंट किए अटैच – Utkal Mail

लखनऊ, अमृत विचार। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सहारा इंडिया कमर्शियल कारपोरेशन लिमिटेड के निदेशकों, प्रमोटर और प्रबंधकों के बैंक, डीमैट अकाउंट को अटैच कर लिया है। इस कार्रवाई से पहले सेबी की तरफ से नोटिस भेजकर आम जनता से ली गई 14106 करोड़ की राशि का जवाब मांगा गया था। कंपनी के डायरेक्टरों की तरफ से इसको लेकर कोई जवाब बोर्ड को नहीं दिया गया। जिसके बाद सेबी की तरफ से ये कार्रवाई की गई है।
सेबी के रिकवरी सेल द्वारा एसआईसीसीएल, इसके निदेशकों, प्रमोटर, प्रबंधकों जिनमें एल अहमद, ओपी दीक्षित, एएन मुखर्जी, असद अहमद, सीबी थापा, लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) डीएस थापा, स्वर्गीय सुब्रत रॉय सहारा, ओपी श्रीवास्तव, जेबी रॉय, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एएस राव, पीएस मिश्रा, वाईएन सक्सेना, रनोज दासगुप्ता, सहारा इंडिया और इसके घटक भागीदारों को सामूहिक रूप से पत्र जारी कर, खातों को अटैच किया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय ने की थी रेड
सहारा समूह से जुड़ी छापेमारी की कार्रवाई को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने एक प्रेस रिलीज जारी की है। इसके अनुसार प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के अंतर्गत प्रवर्तन निदेशालय ने सहारा इंडिया ग्रुप की ब्रांच हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के कोलकाता, लखनऊ और मुंबई के 6 ठिकानों पर करीब तीन दिन तक छापामार अभियान चलाया था। इस कार्रवाई में अधिकारियों कर्मचारियों का सहयोग न मिलने पर ईडी के अधिकारियों ने बंद कमरों के ताले तोड़कर तलाशी ली थी। जिसमें 2.98 करोड़ कैश बरामद किया गया था। साथ ही इस कार्रवाई में बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज समेत कई डिजिटल डिवाइस भी ईडी ने जब्त की थीं। ईडी द्वारा यह छापेमारी सहारा ग्रुप की कंपनी हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के चिटफंड घपले को लेकर की गई थी।
कई राज्यों में दर्ज हुई है एफआईआर
बिहार, राजस्थान और ओडिशा में हमारा इंडिया क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी, सहारा इंडिया ग्रुप से जुड़ी कंपनियों और उससे जुड़े लोगों पर कई एफआईआर दर्ज हैं। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार रेड की कार्रवाई इसके ही आधार पर की गई। ईडी के अनुसार जांच में सामने आया है कि कंपनी ने अपने एक 1 करोड़ निवेशकों/जमाकर्ताओं से 24000 करोड़ से ज्यादा की राशि इकठ्ठा की। कंपनी की तरफ से सभी को उनके निवेश किये गए रुपयों के बदले में ज्यादा धनराशि वापिस करने को कहा गया। लेकिन तय समय सीमा के बाद भी कंपनी की तरफ से निवेशकों/जमाकर्ताओं को उनकी धनराशि वापस नहीं दी गई। ईडी के अनुसार जांच में सामने आया है कि इस बड़ी धनराशि को सोसाइटी की तरफ से सहारा समूह से जुड़ी कंपनियों के खातों में हस्तांतरित किया गया है। इसको लेकर प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहा है।
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