विदेश

रूस ने चीन को सौंपा विध्वंसक गतिविधियां चलाने वाले विदेशी संगठनों का ब्यौरा  – Utkal Mail

मास्को। रूस की संसद के निचले सदन ड्यूमा के विदेशी दखलंदाज़ी की जांच के लिए गठित आयोग ने कुछ विदेशी संगठनों द्वारा रूस एवं चीन के खिलाफ विध्वंसक गतिविधियां चलाये जाने को लेकर हाल ही में एक डॉज़ियर सौंपा है। आयोग के वासिली पिस्कारेव ने शनिवार को सोशल मीडिया पर प्रकाशित एक बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने बयान में कहा, “हमने हाल ही में रूस और चीन से संबंधित विदेशी संगठनों की विध्वंसक गतिविधियों पर सामग्री चीनी पक्ष को हस्तांतरित की है।” उल्लेखनीय है कि यह खबर ऐसे समय आयी है जब रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन चीन की यात्रा से लौटे हैं और वहां उनकी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ ‘असाधारण, गहन एवं सार्थक’ बातचीत हुई है। 

पिस्कारेव ने कहा कि आयोग निकट भविष्य में ‘नई चुनौतियों और खतरों’ तथा रूस और चीन पर बढ़ते बाहरी दबाव के कारण संप्रभुता की रक्षा करने के लिए और चीनी भागीदारों के साथ विदेशी हस्तक्षेप के विरुद्ध विधायी प्रतिकार करने के लिए अपनी अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान जारी रखने की योजना बना रहा है।

चीन एवं रूस के राष्ट्रपतियों के बीच दो दिन पहले बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल्स में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नाटो के रुख को ‘विनाशकारी’ करार देने के साथ ही पूर्वोत्तर एशिया में शक्ति संतुलन को बदल कर अमेरिकी आधिपत्य स्थापित करने के प्रयासों की निंदा की थी। बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत को ‘असाधारण, गहन एवं सार्थक’ बताया गया और वैश्विक राजनीति को प्रभावित करने वाली कई अहम घोषणाएं की गयीं। 

वक्तव्य के अनुसार रूस और चीन के नेताओं ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में नाटो के रुख को ‘विनाशकारी’ करार दिया है और विभिन्न देशों से टकराव वाली नीतियां अपनाने, दूसरों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बंद करने का आह्वान किया है। चीन ने संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के रूस के प्रयासों का समर्थन तथा उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का विरोध किया है। वक्तव्य में कहा गया कि किसी भी राज्य को दूसरों की सुरक्षा की कीमत पर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करनी चाहिए।

 रूस, चीन ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के साथ राजनीति, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और मानवीय संबंधों में सहयोग की संभावनाओं को मजबूत करने का संकल्प जताया और सैन्य निर्माण के माध्यम से पूर्वोत्तर एशिया (विशेष रूप से उत्तर कोरिया के संदर्भ में) में शक्ति संतुलन बदलने के अमेरिकी आधिपत्य प्रयासों का विरोध व्यक्त किया है। वक्तव्य में रूस, चीन ने अलग-अलग देशों द्वारा सशस्त्र टकराव के लिए अंतरिक्ष का उपयोग करने के प्रयासों का विरोध किया तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए बहुपक्षीय, पारदर्शी वैश्विक इंटरनेट प्रशासन प्रणाली सुनिश्चित करने की वकालत की है।

 उल्लेखनीय है कि विश्व राजनीति के मौजूदा परिदृश्य में रूस एवं चीन अमेरिका एवं पश्चिमी देशों पर उनकी खुफिया एजेंसियों के माध्यम से उनके यहां विध्वंसक गतिविधियां चलाने का आरोप लगा रहे हैं। रूस एवं चीन के राष्ट्रपतियों के बीच बैठक में बातचीत के एजेंडा में यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा था। माना जाता है कि उसी शिखर बैठक में रूसी पक्ष ने यह डॉज़ियर चीनी पक्ष को सौंपा है। 


utkalmailtv

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button