पी चिदंबरम ने कहा- सरकार का श्वेत पत्र अपनी नाकामयाबी को छुपाने का प्रयास – Utkal Mail
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार के संसद में लाये श्वेत पत्र को एक राजनीतिक कदम बताते हुए इसे सफेद झूठ का ‘श्वेत पत्र’ करार दिया है। श्री चिदंबरम ने शुक्रवार को यहां एक बयान में कहा कि सरकार का श्वेत पत्र उसकी दूषित मानसिकता को दर्शाता है।
यह एक राजनीतिक कवायद है जिसका उद्देश्य पिछली सरकार में हुए कार्यों को नुकसान पहुंचाना और वर्तमान सरकार के पूरे नहीं वादों, भारी विफलताओं और गरीबों के साथ विश्वासघात को छिपाना है। उन्होंने कहा,“ यह श्वेत पत्र झूठ का पुलिंदा जिस का मकसद वर्ष 2014 के बाद की आर्थिक परिदृश्य को बिना मूल्यांकन के महिमा मंडित करना है। यह कोई श्वेत पत्र नहीं है बल्कि ऐसा खेल है जिसका उद्देश्य पिछले 10 वर्षों में एनडीए सरकार के कई पापों और कमीशनों को सफेद करना है।”
उन्होंने कहा,“ इस सरकार ने हर वर्ष 2 करोड़ नौकरियाँ देने,विदेश में जमा काला धन 100 दिन में वापस लाने, प्रत्येक नागरिक के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा करने, पेट्रोल, डीजल 35 रुपये प्रति लीटर देने, किसानों की आय दोगुनी करने,2023-24 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने, 2022 तक हर परिवार को घर देने और 100 स्मार्ट शहर विकसित करने का वादा किया था लेकिन सबको के लिए साबित हुए।”
उन्होंने कहा कि 2004 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार को एक ऐसी अर्थव्यवस्था विरासत में मिली थी जिसका प्रदर्शन पिछले छह वर्षों में औसत से कम रहा था उसके बावजूद उस दौर को ‘इंडिया शाइनिंग’ कहा गया था। तब यह नारा सरकार पर भारी पड़ा और भाजपा-सरकार को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।
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