PM Modi Laos Visit : पीएम मोदी ने देखी लाओस की रामायण, राम-लक्ष्मण के साथ खिंचवाई फोटो…जानिए आसियान शिखर सम्मेलन में क्या कहा? – Utkal Mail

वियेनतिएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए लाओस की राजधानी में हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने वहां रामलीला का भी आनंद लिया। कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने रामायण के कलाकारों से बात की और उनके साथ फोटो भी खिंचवाई।विदेश मंत्री एस. जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिसरी और अन्य लोग भी पीएम मोदी के साथ कार्यक्रम में पहुंचे थे।
21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम शांति प्रिय देश हैं, एक-दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं, हम अपने युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। मेरा मानना है कि 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की सदी है। आज जब दुनिया के कई हिस्सों में संघर्ष और तनाव की स्थिति है, तब भारत और आसियान की मित्रता, सहयोग, संवाद और सहकारिता बहुत महत्वपूर्ण है।
PM @narendramodi witnessed a captivating performance of the Lao Ramayana, known as Phalak Phalam or Phra Lak Phra Ram. This unique rendition of the Ramayan reflects the deep cultural ties and shared heritage between India and Lao PDR. pic.twitter.com/kYZ5wvuys7
— PMO India (@PMOIndia) October 10, 2024
मोदी ने देखी लाओस की रामायण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लुआंग प्रबांग के प्रतिष्ठित रॉयल थिएटर द्वारा प्रस्तुत लाओस की रामायण का नाट्य रूपांतर ‘फलक फलम या फ्रा लाक फ्रा राम’ का एक एपिसोड देखा। रामायण महाकाव्य दोनों देशों के बीच साझा विरासत और सदियों पुरानी सभ्यता के संबंध को दर्शाता है। लाओस में सदियों से भारतीय संस्कृति और परंपरा के कई पहलुओं का अभ्यास और संरक्षण किया जाता रहा है। दोनों देश अपनी साझा विरासत को रोशन करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण लाओस में वट फू मंदिर और संबंधित स्मारकों के जीर्णोद्धार में लगा हुआ है।
इस अवसर पर बैंक ऑफ लाओ पीडीआर के गवर्नर और वियनतिएन के मेयर उपस्थित थे। रामायण प्रदर्शन से पहले, प्रधानमंत्री ने लाओ पीडीआर के केंद्रीय बौद्ध फैलोशिप संगठन के वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं के आशीर्वाद समारोह में भाग लिया, जिसका नेतृत्व वियनतिएन में सी साकेत मंदिर के प्रतिष्ठित मठाधीश महावेथ मसेनई ने किया। साझा बौद्ध विरासत भारत और लाओस के बीच घनिष्ठ सभ्यतागत संबंधों के एक और पहलू का प्रतिनिधित्व करती है।
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