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world food day: क्यों मनाया जाता है विश्व खाद्य दिवस?, कैसे हुई शुरुआत, जानें इस साल की थीम – Utkal Mail


world food day 2023: पूरी दुनिया 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस (world food day)मनाती है।  यह एक ऐतिहासिक मौका होता है जब हम अपने खानपान, लाइफस्टाइल पर विस्तार से विचार कर सकते है।

आज-कल के गलत लाइफस्टाइल के कारण बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। बेहतर और परम्परागत खाद्यानों की उपलब्धता के संकट से निकलने के बारे में भी हमें सोचने की जरूरत है।

बता दें  वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार  10 में से हर एक व्यक्ति अपने गलत खाना खाने के चलते कई बीमारियों के शिकार हो जाते है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह आंकड़ा बच्चों के मामले में और भी ज्यादा है।

जानकारी के अनुसार यह देखा गया है कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों में हर साल 40 प्रतिशत बच्चे दूषित खाना खाने से बीमार पड़ते हैं। वहीं विश्व खाद्य दिवस (world food day)का उद्देश्य दुनिया को भुखमरी से बचाना और कुपोषण को दूर करना है।

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हम 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाते है। संयुक्त राष्ट्र ने 16 अक्टूबर 1945 को रोम में “खाद्य एवं कृषि संगठन” की स्थापना की थी। उसके बाद साल 1979 में कॉन्फ्रेंस ऑफ द फ़ूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाईजेशन ने विश्व खाद्य दिवस मनाने की घोषणा की।

विश्व खाद्य दिवस मनाने का उद्देश्य दुनिया से भुखमरी खत्म करना है और लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है। इसके माध्यम से  मानवीय विकास बेरोजगारी, गरीबी और खाद्य सुरक्षा के साथ जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।  

दुनिया का सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला दिन, क्या है इस साल की थीम?
वर्ल्ड फूड डे संयुक्त राष्ट्र के कैलेंडर का सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला दिन है। जिसमें दुनिया भर के करीब डेढ़ सौ सदस्य शामिल है जोकि मिलकर इस दिन का मनाते हैं। भूख से पीड़ित लोगों को जागरूक और प्रोत्साहित करने के लिए वैश्विक जागरूकता के आधार पर सैकड़ों कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

वहीं बात इस साल की थीम की करें तो  इस साल विश्व खाद्य दिवस की थीम “जल ही जीवन है जल ही भोजन है किसी को पीछे न छोड़ें” पर केंद्रित है।

जानें क्या कहती है रिपोर्ट?
दुनिया में जितने लोग भुखमरी के शिकार हैं उनमें से एक चौथाई लोग सिर्फ भारत में रहते हैं। जानकारी के अनुसार भारत देश में 5 साल से कम उम्र के 10 लाख बच्चों की हर साल कुपोषण के कारण मौत हो जाती है।

वहीं ग्लोबल हंगर इंडेक्स को यूरोपीय गैर-सरकारी संगठनों के एक संघ द्वारा तैयार किया गया है इसे एलायंस 2015 के रूप में  भी जाना जाता है। 2023 की ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग खराब होती जा रही है। वहीं 125 देशों में इसमें हमारा भारत देश  111 स्थान पर पहुंच गया है।

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