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ब्यास , सतलुज नदियों का जल स्तर बढ़ा , कई गांव बाढ़ की चपेट में…राष्ट्रीय आपदा मोचन बल तैनात – Utkal Mail


जालंधर। पौंग और भाखड़ा बांधों से मंगलवार को अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद पंजाब के होशियारपुर और गुरदासपुर जिलों में ब्यास नदी और रूपनगर जिले में सतलुज नदी के पास के कई गांव जलमग्न हो गए हैं।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दोनों जिला प्रशासन ने राहत कार्यों के लिए इलाके में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें तैनात कर दी हैं, बल के जवानों ने बचाव कार्य शुरू कर कई ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा के कारण पौंग डैम से रविवार को 1.40 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। ब्यास दरिया में जल स्तर बढ़ने के कारण गांव जगतपुर टांडा और भैणी पसवाल में धुस्सी बांध टूट गया है।

इसके निचले इलाकों में पानी भरना शुरू हो गया है। धुस्सी बांध में दरार के कारण गांव चेचियां छोड़ियां, पक्खोवाल, दाउवाल, खबहरा, दलेरपुर, पदाना, छीना बेट, नडाला, जगतपुर कलां, कोहलियां और खरियान बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

रविवार देर रात एनडीआरएफ की टीमें पहुंच गई थीं। गुरदासपुर-मुकेरियां रोड पर भी पानी आने के कारण पुल को बंद कर ट्रैफिक को दूसरी तरफ से जाने के इंतजाम किये गये हैं। गुरदासपुर जिला प्रशासन ने भी निचले इलाकों और ब्यास नदी ब्यास के जल स्तर में वृद्धि के बीच चेचिया चोरियां, पखोवाल, खेरहा, दलेलपुर, पदाना, छीना बेट, नडाला, जगतपुर कलां, कोहलियान और खारियान गांवों के निवासियों को सुरक्षित स्थान पर जाने का निर्देश दिया है।

सतलुज नदी पर भाखड़ा बांध और ब्यास नदी पर पौंग बांध, दोनों हिमाचल प्रदेश में, अपने-अपने जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद लबालब हैं। अधिकारियों ने कहा कि होशियारपुर में, पौंग बांध जलाशय से पानी छोड़े जाने के कारण तलवाड़ा, हाजीपुर, दसुआ, टांडा और मुकेरियां गांवों के कई खेतों में बाढ़ आ गई।

उन्होंने बताया कि ब्यास नदी के पास स्थित निचले गांवों, खेतों और कुछ घरों में पानी घुस गया है। अधिकारियों ने कहा कि हाजीपुर ब्लॉक का बील सरियाना गांव दो-तीन फीट पानी में डूबा हुआ है, जिससे कुछ ग्रामीणों को पुरोचक के एक गांव के गुरुद्वारे में स्थानांतरित होने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

हाजीपुर क्षेत्र के पट्टी नाम नगर, हंडोवाल, उलाहा, ढाडे करवाल और पट्टी नवे घर गांवों और तलवाड़ा ब्लॉक के चंगरवान, चकमीरपुर और सथवान की कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। उन्होंने बताया कि मुकेरियां ब्लॉक के मेहताबपुर, मौली और नौशहरा गांवों के खेतों में भी पानी घुस गया है।

गुरदासपुर के जिला उपायुक्त डॉक्टर हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि पौंग डैम से पानी छोड़ने में कमी आई है, जिसकी वजह से जल्द ही ब्यास दरिया में जल स्तर कम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि पुराना शाला के सरकारी स्कूल में राहत कैंप स्थापित कर दिया गया है। मेडिकल, वेटरनरी विभाग सहित अन्य टीमों की तैनाती कर दी गई है।

जिला प्रशासन ने प्रभावित गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। होशियारपुर के उपायुक्त कोमल मित्तल ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल और गैर-सरकारी संगठनों को राहत कार्यों के लिए सूचीबद्ध किया जा रहा है। पन्द्रह गांवों के लगभग 1,000 लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया है।

राहत शिविर भंगाला, अटलगढ़, सरियाना, गेरा, मोटका, मेहताबपुर और हरसे मानसर गांवों में स्थापित किए गए हैं। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा टीमों की प्रतिनियुक्ति की है। मित्तल ने कहा कि स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है और बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब तक किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।

उपायुक्त ने कहा कि मुकेरियां-गुरदासपुर रोड जलमग्न होने के बाद वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है। यातायात को पठानकोट के रास्ते गुरदासपुर की ओर मोड़ दिया गया।

रूपनगर जिले में भाखड़ा बांध से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद नंगल क्षेत्र के बेला ध्यानी, भनाम, पलासी समेत करीब आधा दर्जन गांव जलमग्न हो गए। ग्रामीणों ने कहा कि सतलुज नदी के पास स्थित भनम और लोअर बेला गांवों में तेज धारा के कारण कई लोग अपने घरों में फंस गए हैं।

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