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उत्तराखंड: धर्म की आड़ में धोखाधड़ी का पर्दाफाश, 'ऑपरेशन कलनेमि' के तहत पकड़े गए 127 ढोंगी बाबा – Utkal Mail

देहरादून। उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के दौरान शुरू किए गए ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत पुलिस ने देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंह नगर जिलों में अब तक 127 ऐसे लोगों को हिरासत में लिया या गिरफ्तार किया है, जो साधु या बाबाओं के भेष में लोगों को ठग रहे थे।

पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने यहां बताया कि ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत पुलिस द्वारा कई टीमें बनाकर विभिन्न स्थानों पर सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि देहरादून जिले में पिछले दो दिनों में करीब 61 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 17 अकेले ऋषिकेश से ही गिरफ्तार किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि देहरादून जिले के सहसपुर क्षेत्र में एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया गया जो छद्म भेष में बाबा बनकर रह रहा था। पुलिस तथा अन्य एजेंसियों द्वारा की गयी संयुक्त पूछताछ में आरोपी रकम ने बताया कि वह बांग्लादेश में ढाका के पास टांगाइल जिले का रहने वाला है और छह-सात माह पहले चोरी छिपे विभिन्न स्थानों से होते हुए देहरादून पहुंचा था। रकम बाबा बनकर लोगों को ठगने का प्रयास कर रहा था।

सहसपुर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया, ”हमने अच्छी तरह से पूछताछ के बाद रकम को गिरफतार किया है।” देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि शनिवार को जिले के विभिन्न्न स्थानों से 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जो लोगों को कथित रूप से साधु बनकर ठग रहे थे। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को देहरादून और हरिद्वार से कुल 38 ऐसे बाबाओं को गिरफ्तार किया गया था।

मुख्यमंत्री पोर्टल तथा पुलिस को ऐसी शिकायतें प्राप्त हो रही थीं जिनमें बिना किसी धार्मिक ज्ञान के ढोंगी व्यक्ति साधु बनकर लोगों विशेष रूप से महिलाओं और बुजुर्गों को डराकर या उन पर अनैतिक दवाब डालकर उन्हें अपने वश में करके ठग रहे थे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सिंह ने कहा कि इस समय प्रदेश में जारी चारधाम यात्रा तथा आज से शुरू कांवड़ यात्रा का सहारा लेकर ऐसे ढोंगी और सक्रिय हो गए हैं जिनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दूसरी तरफ, उधमसिंह नगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा ने बताया कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों से 66 फर्जी साधुओं को हिरासत में लिया गया है। मिश्रा ने कहा, ”जिले में 66 संदिग्ध पीर-फकीरों तथा साधुओं को हिरासत में लिया गया है जो आपराधिक गतिविधियों में लिप्त थे और लोगों का शारीरिक, मानसिक या वित्तीय शोषण कर उन्हें ठग रहे थे।”  

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