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शत्रुघ्न सिन्हा का PM पर तंज-‘तू इधर-उधर की न बात कर ये बता कि काफिला क्यूं लुटा’…, ममता बनर्जी को देखना चाहते हैं प्रधानमंत्री के रूप में – Utkal Mail


पटना। अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा ने सोमवार को कहा कि वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में देखना पसंद करेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री सिन्हा तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं और बनर्जी पार्टी की अध्यक्ष हैं। सिन्हा का यह बयान उस सवाल के जवाब में आया जब उनसे पूछा गया कि वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में कैसे देखते हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘यह देश के लिए बहुत अच्छा होगा कि ऐसे समय में जब हमारे पास राष्ट्रपति के रूप में एक महिला हैं, तो प्रधानमंत्री के रूप में भी एक महिला ही हों। ममता बनर्जी जैसी तेजतर्रार नेता, जिनके पास जनाधार है, इस स्थिति में उपयुक्त रहेंगी।’’ लोकसभा में आसनसोल का प्रतिनिधित्व करने वाले सिन्हा ने लगे हाथ यह भी कहा, ‘‘प्रधानमंत्री कौन होगा, यह निर्णय उचित समय पर लिया जाएगा।

मेरा कहना यह है कि हमारे पास यानी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में प्रतिभावान नेताओं की कोई कमी नहीं है।’’ कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और जनता दल (युनाईटेड) सहित अन्य विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्कलूसिव अलायंस’ रखा है। सिन्हा ने कहा, ‘‘हमारे पास युवा और प्रतिभावान राहुल गांधी हैं, जिनमें देश अपना भविष्य देखता है।

हमारे पास आधुनिक समय के चाणक्य शरद पवार हैं और निश्चित रूप से हमारे पास तेजतर्रार जननेता ममता बनर्जी हैं। इसके विपरीत, भाजपा के नेतृत्व वाले राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा कोई नहीं है।’’ सिन्हा ने चार साल पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़ दी थी। तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले कुछ समय के लिए वह कांग्रेस के साथ भी रहे।

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को ‘घमंडिया’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर हमारे गठबंधन का मजाक उड़ाना शोभा नहीं देता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह विपक्षी गठबंधन की आलोचना करने के लिए भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद जैसे मुद्दों की बात करते हैं। मैं राजग में रहा हूं, इसलिए दावा करता हूं कि जब भाई-भतीजावाद की बात आती है तो भाजपा और उसके सहयोगी किसी से पीछे नहीं हैं।

और भ्रष्टाचार पर उनका रुख तब सामने आ गया जब उन्होंने उन लोगों से गठबंधन किया जिन लोगों पर प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘‘जैसा कि मैंने कहा है, हमारे पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। भाजपा को अपनी चिंता करनी चाहिए। प्रधानमंत्री कहते रहते हैं कि वह एक ‘फकीर’ हैं जो अपना ‘झोला’ उठाकर चले जा सकते हैं।’’

लोकसभा में ‘फ्लाइंग किस’ को लेकर हुए हालिया विवाद पर सिन्हा ने कहा कि वह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा राहुल गांधी पर लगाए गए आरोप से हैरान हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अभिनय पेशे में एक वरिष्ठ के रूप में वह मेरा बहुत सम्मान करती हैं, हालांकि मेरी तरह वह कभी फिल्मों में नहीं आईं और टीवी धारावाहिकों तक ही सीमित रहीं।’’ उन्होंने कहा कि लोकसभा में जिस वक्त की यह घटना बताई जा रही है, उस समय वह खुद सदन में मौजूद थे।

तृणमूल कांग्रेस के नेता ने उर्दू शे’र ‘कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता’ को दोहराते हुए कहा, ‘‘ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। मुझे आश्चर्य होता है कि ईरानी ने क्यों ऐसे आरोप लगाए।’’ सिन्हा ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में दिए गए भाषण को लेकर भी प्रधानमंत्री की आलोचना की।

उन्होंने शायराना अंदाज में कहा, ‘‘बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री अपने गृह मंत्री (अमित शाह) के साथ प्रतिस्पर्धा में लगे हुए थे, जिन्होंने दो घंटे तक भाषण दिया था। इसलिए प्रधानमंत्री ने जो भाषण दिया वह और भी लंबा था।’’ ‘शॉटगन’ उपनाम से पहचाने जाने वाले सिन्हा ने एक और कविता पढ़ी जिसका इस्तेमाल वह अक्सर राजग सरकार का उपहास करने के लिए करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘तू इधर-उधर की न बात कर ये बता कि काफिला क्यूं लुटा, मुझे रहजनों से गिला नहीं तिरी रहबरी का सवाल है।’’ बिहार के पटना साहिब के सांसद रहे सिन्हा ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बन जाने संबंधी प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर दर्ज की गई आपत्ती ‘बिल्कुल वाजिब’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का दावा इतिहास में उस नेता की एक और गलती के रूप में दर्ज हो सकता है, जिसने सिकंदर के गंगा तट पर पहुंचने तथा कबीर और नानक के गोरखपुर में मिलने की बात कही थी। बेशक, प्रधानमंत्री बनने से आप विद्वान नहीं बन जाते। लेकिन मुझे आश्चर्य है कि किस तरह के लोग उन्हें जानकारी देते हैं। मुझे यह भी आश्चर्य है कि जब उन्हें मुद्दों के बारे में जानकारी दी जाती है तो क्या वह ध्यान से सुनते हैं।’’

सिन्हा ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में अपने छोटे कार्यकाल का परोक्ष संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘यह सच है कि हमारे समय में छह नए एम्स स्थापित किए गए थे।’’ उन्होंने ममता बनर्जी पर मोदी के ‘खूनी खेल’ तंज की भी निंदा की और दावा किया कि यह ‘पंचायत चुनाव में भाजपा को मिली हार पर निराशा को दर्शाता है’।

पंचायत चुनावों में तृणमूल कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की थी।’ उन्होंने कहा, ‘‘हम ममता बनर्जी का आदर करते हैं और उन्हें दीदी कहते हैं। ऐसे समय में जब देश रक्षाबंधन उत्सव की तैयारी कर रहा है उनके बारे में यह कहना कितनी भद्दी बात है।’’

मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा की गई टिप्पणी का जिक्र करते हुए सिन्हा ने आरोप लगाया, ‘‘जब प्रधानमंत्री को ‘मौत का सौदागर’ कहा गया था तो वे बहुत परेशान हो गए, लेकिन वह जो चाहें कहकर बच जाना चाहते हैं।’’ 

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