धर्म
ओमकारेश्वर में दण्डी संन्यासी कर रहे चातुर्मास, नवंबर तक चलेगा – Utkal Mail

प्रयागराज, अमृत विचार : ओमकारेश्वर में दण्डी संन्यासी चातुर्मास का आयोजन कर रहे हैं, जो 10 जुलाई से नवंबर तक चलेगा। अखिल भारतीय दण्डी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज के नेतृत्व में बड़ी संख्या में दण्डी संन्यासी ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास चातुर्मास कर रहे हैं।
चातुर्मास के दौरान दैनिक गतिविधियाँ
- सुबह 4 बजे उठकर नित्य क्रिया और मां नर्मदा में स्नान के बाद भगवत भजन
- दोपहर में प्रसाद ग्रहण और विश्राम
- चाय और नाश्ते के बाद भगवत भजन
चातुर्मास का महत्व
- भगवान लक्ष्मी नारायण निद्रा में चले जाते हैं और उनका कार्य भगवान शिव शंकर, गणेश जी और अन्य देवी-देवता संभालते हैं
- संत और महात्मा अपने आश्रमों में भगवद भजन और भंडारा करते हैं
- जीव-जंतुओं और जानवरों को भोजन देना भी एक महत्वपूर्ण कार्य है
चातुर्मास के दौरान विशेष सावधानियाँ
- संत और महात्मा अपने कुटिया से नहीं निकलते हैं ताकि कीट-पतंगों और अन्य जीवों को नुकसान न पहुंचे
- भगवत भजन, पूजन और जाप करना चाहिए
- भगवान भोलेनाथ का दर्शन, पूजन और अभिषेक करने से अक्षय पुण्य और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं
सेवा कार्य
- राजस्थान के सूरजकुंड धाम के स्वामी अवधेश चैतन्य महराज इन संतों की सेवा कर रहे हैं
- वह कुंभलगढ़ में प्रतिवर्ष विशाल भंडारा करते हैं, जहां लाखों लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं
- उनका मानना है कि सच्ची सेवा अन्न से होती है और वह अधिक से अधिक लोगों को भोजन कराते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं।
चातुर्मास के दौरान संत और महात्मा अपने आश्रमों में भगवद भजन और सेवा कार्य में जुटे हुए हैं। इस दौरान वे अधिक से अधिक लोगों को भोजन कराने और उनका आशीर्वाद लेने का प्रयास करते हैं।
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