धर्म

Sawan 2025: सावन के दूसरे सोमवार के दिन बाबा भोलेनाथ को न चढ़ाएं ये चीजें, नहीं तो हो जाएंगे नाराज – Utkal Mail

लखनऊ, अमृत विचारः सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की भक्ति में डूबा रहता है। इस दौरान भक्तजन शिवलिंग पर जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के साथ भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव को प्रसन्न करना अन्य देवताओं की तुलना में आसान माना गया है। एक लोटा जल चढ़ाने से ही भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन पूजा में कुछ चीजों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। आइए जानते हैं कि सावन में शिव पूजा के दौरान किन चीजों का उपयोग ट्रेडिंग (परंपरागत नियमों) के अनुसार वर्जित है।

केतकी के फूल: न करें उपयोग

शिव पूजा में केतकी के फूलों का उपयोग ट्रेडिंग नियमों के अनुसार पूरी तरह निषिद्ध है। पौराणिक कथा के अनुसार, ब्रह्मा और केतकी के फूल ने मिलकर भगवान शिव से झूठ बोला था कि उन्होंने शिवलिंग का अंत देख लिया। इस झूठ से क्रोधित होकर भोलेनाथ ने केतकी के फूल को श्राप दिया कि इसे कभी पूजा में शामिल नहीं किया जाएगा। इसलिए सावन में भगवान शिव को केतकी के फूल भूलकर भी न चढ़ाएं।

तुलसी पत्ते: शिव पूजा में वर्जित

हिंदू पूजा में तुलसी को अत्यंत पवित्र माना जाता है, लेकिन शिव पूजा में इसका उपयोग ट्रेडिंग नियमों के तहत वर्जित है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान शिव ने राक्षस जलंधर का वध किया, तब जलंधर की पत्नी तुलसी ने शिव को श्राप दिया कि उनकी पूजा में तुलसी कभी शामिल नहीं होगी। इस कारण शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाए जाते।

कुमकुम, रोली और सिंदूर: पुरुष तत्व का सम्मान

कुमकुम, रोली और सिंदूर को स्त्री तत्व से जोड़ा जाता है, और ये अन्य देवी-देवताओं की पूजा में उपयोग किए जाते हैं। लेकिन शिवलिंग को पुरुष तत्व का प्रतीक माना जाता है। ट्रेडिंग नियमों के अनुसार, इन चीजों को शिव पूजा में शामिल करना पूजा की ऊर्जा को असंतुलित कर सकता है। इसलिए भोलेनाथ को ये चीजें न चढ़ाएं।

नारियल और नारियल पानी: करें परहेज

शिवलिंग पर नारियल या नारियल पानी चढ़ाना ट्रेडिंग नियमों के खिलाफ है। शिवलिंग का अभिषेक केवल जल, दूध या गन्ने के रस से करना चाहिए। इनका उपयोग ही भोलेनाथ को प्रसन्न करने का सही तरीका माना गया है।

टूटे चावल: अक्षत का महत्व

शिव पूजा में चावल को अक्षत के रूप में उपयोग किया जाता है, जो अविनाशी और भोलेनाथ के स्वरूप का प्रतीक है। ट्रेडिंग नियमों के अनुसार, पूजा में केवल साबुत चावल ही चढ़ाए जाने चाहिए। टूटे चावल अर्पित करने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं, क्योंकि यह अक्षत की पवित्रता को भंग करता है।

यह भी पढ़ेः IND vs ENG: भारतीय कप्तान ने बल्लेबाजों को ठहराया हार का जिम्मेदार, बोलीं- हमें करना था बेहतर प्रदर्शन

Disclaimar- यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और किसी भी मान्यता की पुष्टि हम नहीं करते।


Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button