सर्वदलीय बैठक के बाद बोले रिजिजू- संसद सुचारू रूप से चलाना सबकी जिम्मेदारी – Utkal Mail

नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि संसद को सुचारू रूप से चलाना राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है और वैविचारिक विविधता के बावजूद सभी दलों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले सरकार की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को यहां संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि सर्वदलीय बैठक में आज विभिन्न दलों के 54 सदस्यों ने भाग लिया। यह बैठक बहुत सकारात्मक रही और सदस्यों ने सकारात्मक रूप से ही अपने विचार प्रस्तुत किए। सभी दलों के नेताओं ने सुझाव दिए और सरकार ने उन सभी की सुझाव को नोट कर लिया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी दलों के नेताओं से अनुरोध किया गया है कि मानसून सत्र उत्पादकता पूर्ण रहे ,यह सभी को सुनिश्चित करना चाहिए। संसद सत्र का शांतिपूर्ण और सफलतापूर्वक संचालन महत्वपूर्ण है। हम अलग-अलग दलों और अलग-अलग विचारधाराओं से हो सकते हैं लेकिन संसद को सफलतापूर्वक चलाना सभी की ज़िम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी दलों की बात ध्यान से सुनी और उस पर ध्यान दिया है। सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष को अच्छे समन्वय के साथ काम करना चाहिए। रिजिजू का कहना था कि राजनीतिक दल अलग-अलग विचारधारा के हो सकते हैं और यह स्वाभाविक है लेकिन संसद चलती रहे यह सबकी जिम्मेदारी है। संसद चलाना जितनी सरकार की जिम्मेदारी है उतना ही जिम्मेदार विपक्ष भी है।
उन्होंने कहा कि कम सांसदों वाले दलों की मांग रहती है कि उन्हें बोलने का संसद में पर्याप्त समय नहीं दिया जाता है। रिजिजू ने कहा कि भले ही संसद में संख्या के हिसाब से सदस्यों को बोलने का मौका दिया जाता है लेकिन सरकार का प्रयास रहेगा कि जिन दलों के एक दो सदस्य हैं उन्हें बोलने का पर्याप्त मौका मिले इसके लिए सरकार की तरफ से पहल की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “एक, दो सांसदों वाले दलों को बोलने के लिए कम समय मिलता है क्योंकि समय उनकी संख्या के अनुसार आवंटित किया जाता है। लेकिन हमने इसे संज्ञान में लिया है और छोटे दलों को पर्याप्त समय आवंटित करने पर सहमत हुए हैं। इस मुद्दे को लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे और फिर कार्य मंत्रणा समिति में इस मुद्दे को उठाएंगे।”
कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर, बिहार का मुद्दा, विदेश नीति का मुद्दा संसद में उठाया जाएगा। इसके अलावा इस सरकार में अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं। इन मुद्दों को भी सदन में उठाया जाएगा।