बॉम्बे हाईकोर्ट ने लोकट ट्रेन ब्लास्ट के 12 आरोपियों को 19 साल बाद किया बरी, ठहराया निर्दोष, सबूतों के अभाव में रद्द हुई फांसी – Utkal Mail

मुंबई: 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाकों के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने विशेष टाडा अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया है। इनमें से पांच को मृत्युदंड और सात को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। हाईकोर्ट ने सभी को निर्दोष घोषित करते हुए तत्काल रिहाई का आदेश दिया। न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति एस. चांडक की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि प्रस्तुत साक्ष्यों में कोई पुख्ता आधार नहीं था। इस कारण सभी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया गया। यह निर्णय 19 साल बाद आया है।
इस मामले की सुनवाई जनवरी 2025 में पूरी हुई थी, और तब से फैसला सुरक्षित रखा गया था। येरवडा, नाशिक, अमरावती और नागपुर जेलों में बंद आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। हाईकोर्ट ने न केवल दोषियों की अपील स्वीकार की, बल्कि राज्य सरकार की मृत्युदंड की पुष्टि की याचिका को भी खारिज कर दिया।
13 आरोपी गिरफ्तार, 15 फरार
महाराष्ट्र एटीएस ने इस मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जबकि 15 अन्य को फरार घोषित किया गया, जिनमें से कई के पाकिस्तान में होने की आशंका है। जांच एजेंसी ने MCOCA और UAPA के तहत मामला दर्ज किया था। नवंबर 2006 में चार्जशीट दाखिल हुई थी। 2015 में ट्रायल कोर्ट ने 12 आरोपियों को दोषी ठहराया, जिसमें पांच को फांसी और सात को उम्रकैद की सजा दी गई।
राज्य सरकार ने 2015 में मृत्युदंड की पुष्टि के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद 2019 से 2023 के बीच दोषियों ने अपनी सजा और दोषसिद्धि को चुनौती दी। साक्ष्यों की जटिलता और भारी मात्रा के कारण अपीलें लंबे समय तक लंबित रहीं। कई बार मामला विभिन्न पीठों के समक्ष सूचीबद्ध हुआ, लेकिन नियमित सुनवाई नहीं हो सकी। अंततः, दोषी एहतेशाम सिद्दीकी की त्वरित सुनवाई की मांग के बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई शुरू की और अब यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
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