बदले की भावना से जीवन न जिएं, एक-दूसरे को माफ कर आगे बढ़ो, सुप्रीम कोर्ट ने बालाकोट एयर स्ट्राइक में शामिल फाइटर पायलट और उसकी पत्नी से कहा – Utkal Mail

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 2019 के बालाकोट हमले में शामिल रहे एक लड़ाकू पायलट और उसकी पत्नी के बीच वैवाहिक विवाद से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान दंपति से ‘‘एक-दूसरे को माफ कर आगे बढ़ने’’ को कहा। पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने हवाई हमला कर पाकिस्तान में बालाकोट में मौजूद आतंकवादियों के शिविरों को ध्वस्त कर दिया था।
न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति अतुल एस चंदुरकर की पीठ ने दंपति से आपसी विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने को कहा। पीठ ने वायुसेना अधिकारी की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा, ‘‘बदले की भावना से जीवन न जिएं। आप दोनों युवा हैं और आपके सामने एक लंबी जिंदगी है। आपको एक अच्छा जीवन जीना चाहिए।’’ कोर्ट ने कहा, ‘‘आप एक-दूसरे को माफ कर दें, (बातों को) भूल जाएं और आगे बढ़ें।’’
अधिकारी ने आईआईएम स्नातक अपनी पत्नी द्वारा उसके खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी को रद्द किए जाने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी। पायलट ने दलील दी कि उसे और उसके परिवार को उसकी पत्नी एवं ससुर के कारण लगातार मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने प्राथमिकी रद्द करने की याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद पायलट ने शीर्ष अदालत का रुख किया।