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अजय सिंह ने दिया इस्तीफा, डब्ल्यूबी अध्यक्ष पर्यवेक्षक के रूप में लेंगे चुनाव में हिस्सा – Utkal Mail

नई दिल्ली। भारतीय मुक्केबाजी की अंतरिम समिति के अध्यक्ष अजय सिंह ने आगामी चुनावों में हिस्सा लेने के लिए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। इन चुनावों में विश्व मुक्केबाजी (डब्ल्यूबी) के अध्यक्ष बोरिस वान डर वोर्स्ट पर्यवेक्षक की भूमिका निभाएंगे। अंतरिम समिति द्वारा 21 अगस्त को चुनाव की तारीख घोषित किए जाने के एक दिन बाद, शुक्रवार को सिंह ने इस्तीफा दे दिया। सिंह ने एक अगस्त को वान डर वोर्स्ट को लिखे पत्र में कहा, “मुझे यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि भारतीय मुक्केबाजी संघ के चुनावों की घोषणा हो चुकी है और यह 21 अगस्त, 2025 को होंगे।”

उन्होंने आगे लिखा, “चूंकि मैं इन चुनावों में भाग लेना चाहता हूं, इसलिए निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मैं तत्काल प्रभाव से अंतरिम समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं।” विश्व मुक्केबाजी ने अप्रैल में आंतरिक विवादों के कारण भारतीय मुक्केबाजी के दैनिक कार्यों की देखरेख के लिए अंतरिम समिति का गठन किया था। शनिवार को अंतरिम समिति ने सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। उनकी जगह सिंगापुर मुक्केबाजी के अध्यक्ष फैरुज मोहम्मद को नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जो पहले इस पैनल में विश्व मुक्केबाजी के पर्यवेक्षक थे। वान डर वोर्स्ट ने सिंह को जवाब में लिखा, “हम आपके इस निर्णय का सम्मान करते हैं और नई संस्था के गठन तक कार्यों की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए फैरुज मोहम्मद को अंतरिम समिति का अध्यक्ष नियुक्त करते हैं।”

विश्व मुक्केबाजी ने यह भी स्पष्ट किया कि वान डर वोर्स्ट और कार्यवाहक महासचिव माइक मैकएटी 21 अगस्त, 2025 को होने वाले भारतीय मुक्केबाजी संघ के चुनावों में पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहेंगे। उन्होंने लिखा, “मैं और माइक मैकएटी भारत में इन चुनावों की निगरानी के लिए उपस्थित रहेंगे।”

अजय सिंह, जो स्पाइसजेट एयरलाइंस के अध्यक्ष भी हैं, पहले ही भारतीय मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष के रूप में दो बार चार-चार साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। अब वह 2011 की राष्ट्रीय खेल विकास संहिता के तहत अनुमत तीसरे और अंतिम कार्यकाल के लिए प्रयासरत हैं। दूसरी ओर, पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी होंगे। सूत्रों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश मुक्केबाजी इकाई एक बार फिर ठाकुर को अपने प्रतिनिधि के रूप में नामांकित करेगी। इससे पहले 28 मार्च को होने वाले चुनाव में ठाकुर मैदान में थे, लेकिन सिंह द्वारा अनुमोदित निर्वाचक मंडल में उनका नाम शामिल नहीं था, जिसे निर्वाचन अधिकारी ने भी स्वीकार कर लिया था। सिंह ने दावा किया था कि ठाकुर हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने के लिए ‘अयोग्य’ हैं। इस वजह से ठाकुर के समूह ने कानूनी कार्रवाई शुरू की थी, जो अभी भी जारी है।

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