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G-20 नेताओं ने लिया क्रिप्टो रिपोर्टिंग ढांचे के तेजी से कार्यान्वयन पर निर्णय  – Utkal Mail


नई दिल्ली। जी-20 नेताओं ने नयी दिल्ली घोषणापत्र में क्रिप्टो परिसंपत्तियों के लिए रिपोर्टिंग ढांचे के तेजी से कार्यान्वयन पर निर्णय लेते हुए कहा कि बड़ी संख्या में सदस्य देश 2027 तक ऐसी गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर सूचना का आदान-प्रदान शुरू करना चाहते हैं।

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क्रिप्टो एसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क (सीएआरएफ) या खाका को यह सुनिश्चित करने के लिए विकसित किया जा रहा है कि कर चोरों द्वारा ऐसी गैर-वित्तीय संपत्तियों का उपयोग अपनी बेहिसाब संपत्ति को छुपाने के लिए नहीं किया जाए। सर्वसम्मति से पारित जी-20 नेताओं के नयी दिल्ली घोषणापत्र (नयी दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन) के अनुसार, “हम सीएआरएफ के त्वरित कार्यान्वयन और सीआरएस में संशोधन का आह्वान करते हैं।

हम ‘कर उद्देश्यों के लिए पारदर्शिता और सूचना के आदान-प्रदान पर वैश्विक मंच’ से संबंधित अधिकार-क्षेत्रों द्वारा सूचनाओं का आदान-प्रदान शुरू करने के लिए एक उचित और समन्वित समयसीमा चिह्नित करने के लिए कहते हैं।”

दिल्ली में 20 विकासशील और विकसित देशों के नेताओं ने 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप वैश्विक स्तर पर निष्पक्ष, टिकाऊ और आधुनिक अंतरराष्ट्रीय कर प्रणाली की दिशा में सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई है। नयी दिल्ली घोषणापत्र में कहा गया, “हम दो-स्तंभीय अंतर्राष्ट्रीय कर पैकेज के त्वरित कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सम्मेलन के बाद कहा, “देशों के बीच अचल संपत्ति के लेन-देन की जानकारी के आदान-प्रदान पर काम हुआ है। ओईसीडी के सहयोग से कर और वित्तीय अपराध जांच के लिए दक्षिण एशिया अकादमी के प्रायोगिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है।”

वैश्विक कर समझौते के तहत, भारत सहित लगभग 140 देश वैश्विक कर मानदंडों में व्यापक बदलाव के लिए सहमत हुए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां जहां भी काम करती हैं, न्यूनतम 15 प्रतिशत की दर से कर का भुगतान करें। हालांकि, इसके कार्यान्वयन से पहले कुछ जटिल मुद्दों को अभी भी सुलझाने की आवश्यकता है। 

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