बिज़नेस

DGCA में कर्मचारियों की कमी, पायलट लाइसेंस जारी करने में हो रहा है विलंब  – Utkal Mail


नई दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को कर्मचारियों की कमी के कारण प्रशिक्षित पायलटों को लाइसेंस जारी करने में अधिक समय लग रहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। प्रशिक्षण के बाद किसी भी व्यक्ति को वाणिज्यिक विमान उड़ाने के लिए पात्र होने को वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल) हासिल करने की जरूरत होती है।

नागर विमानन मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में एक पायलट को अपना लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कुछ महीनों तक इंतजार करना पड़ता है और आने वाले दिनों में यह अवधि और बढ़ने की आशंका है।

सूत्रों में से एक ने कहा, ‘‘ परिचालन विभाग के तहत लाइसेंसिंग से संबंधित प्रशिक्षण व लाइसेंसिंग निदेशालय (डीटीएच) में सहायक निदेशकों के कुल 129 स्वीकृत पद हैं। उनमें से 92 पद या कुल क्षमता के करीब 72 प्रतिशत रिक्त हैं।

’’ जुलाई, 2022 तक डीजीसीए के पास सहायक निदेशकों के केवल 72 स्वीकृत पद थे। अगस्त, 2022 में मंत्रालय ने 57 नए पद सृजित किए और स्वीकृत पद बढ़कर 129 हो गए। सूत्र ने कहा, ‘‘ हालांकि, डीजीसीए 57 नए पदों को भरने के लिए कोई प्रक्रिया शुरू करने में विफल रहा है।

कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति या पदोन्नति के कारण खाली हुए पुराने 72 पद में से 35 भी खाली पड़े हैं।’’ डीजीसीए महानिदेशक विक्रम देव दत्त से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की। हालांकि, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नियुक्ति प्रक्रिया कठिन है और इसमें काफी समय लगता है।

यही कारण है कि महत्वपूर्ण पदों को भरने में देरी हो रही है। डीजीसीए को अपने ‘सेवा मानक’ के तहत उचित प्रक्रिया के बाद तीन दिन के भीतर सीपीएल जारी करना होता है। एक सूत्र ने कहा, ‘‘ अधिकारियों की कमी के कारण कई सेवाओं में काम लंबित है।’’ सूत्रों ने दावा किया कि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर लाइसेंसिंग और एयरोड्रम लाइसेंसिंग प्रक्रियाएं भी बेहद धीमी गति से बढ़ रही है। 

ये भी पढे़ं- उमर अब्दुल्ला ने कहा- नेशनल कॉन्फ्रेंस महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ नहीं


Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button