भारत

गुलाम नबी आजाद ने कहा- स्थिति 'सामान्य' होने के बावजूद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं होना गंभीर चिंता का विषय – Utkal Mail


श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को यहां कहा कि राज्य में स्थिति सामान्य होने के बावजूद विधानसभा चुनाव कराने में लगातार देरी “गंभीर चिंता” का विषय है। आजाद ने बटमालू में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 30-35 वर्षों में स्थिति अब से अधिक सामान्य नहीं रही है, लेकिन यह शायद जम्मू-कश्मीर के इतिहास में पहली बार है कि इतने लंबे समय के लिए विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं। 

आजाद ने कहा, जब जम्मू-कश्मीर में हालात खराब थे, खून-खराबा हुआ था और नेताओं ने घाटी छोड़ दी थी, कश्मीरी पंडितों ने घाटी छोड़ दी थी, उस वक्त भी पांच-छह साल बाद चुनाव हुए थे।” डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष और पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा, लेकिन, आज जब स्थिति सामान्य है, और पिछले 30-35 वर्षों में भी जब इससे अधिक सामान्य हालात नहीं रहे हैं, फिर भी पिछले नौ वर्षों में चुनाव नहीं हुए हैं। यह गंभीर चिंता का विषय है। 

आजाद ने कहा कि यह क्षेत्र में पिछले 36 वर्षों में पहली रैली थी। उन्होने कहा, मैं आपका आभारी हूं कि आप यहां आए, लोगों की संख्या मायने नहीं रखती, लेकिन इस क्षेत्र में शांति है और एक राजनीतिक बैठक हो सकती है, यह अपने आप में एक आश्चर्य है। मुझे लगता है कि पिछले 35-36 वर्षों में यह यहां पहली राजनीतिक बैठक है। उन्होंने कहा, “जब मैं मुख्यमंत्री था या कांग्रेस में था, तो किसी की यहां बैठक करने की हिम्मत नहीं थी। क्योंकि, दुर्भाग्य से, इस क्षेत्र में स्थिति अच्छी नहीं थी। मुझे खुशी है कि अब शहर में शांति है। 

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उपराज्यपाल (एलजी) का प्रशासन अपना काम कर रहा है, लेकिन वह निर्वाचित प्रतिनिधियों की जगह नहीं ले सकता। उन्होंने कहा, प्रशासन अपना काम कर रहा है, लेकिन यह उसका काम नहीं है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि एलजी अपना काम नहीं कर रहे हैं, या अधिकारी अपना काम नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम उनसे वह काम करने के लिए कह रहे हैं जो उनका नहीं, बल्कि मंत्रियों, विधायकों, निर्वाचित प्रतिनिधियों का है। 

उन्होंने कहा कि एक निर्वाचित विधायक या मुख्यमंत्री हर जगह पहुंचता है, लोगों के बीच घूमता है और लोगों से उनके मुद्दों के बारे में पूछता है। उन्होंने कहा, अब ऐसा नहीं होता है, क्योंकि अधिकारी इसके लिए नहीं है, वे कार्यालय चलाने के लिए हैं। अगर विधायकों को सचिव बनाया जाएगा, तो वे एक ही दिन में फाइल नष्ट कर देंगे। बाद में, पत्रकारों से बात करते हुए, डीपीएपी अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने और उनकी पार्टी ने हमेशा मांग की है कि विधानसभा चुनाव जरूरी है, क्योंकि केवल विधायक ही प्रभावी ढंग से लोगों की सेवा कर सकते हैं। 

उन्होंने कहा, अधिकारी बुद्धिमान और अच्छे हैं, लेकिन अगर वे विधायकों की तरह काम करेंगे तो सचिवालय को नुकसान होगा। इसलिए विधायकों का चुनाव होना चाहिए। गाजा पट्टी की स्थिति का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि लोगों को शक्तिशाली देशों से शांति बहाल करने की उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, शक्तिशाली देश, जो शांति और सौहार्द बहाल कर सकते हैं, खुद ही इसमें (युद्ध में) शामिल हो जाते हैं तो इसे बहाल कौन करेगा?

ये भी पढे़ं- भाजपा ने आपदा में राजनीतिक रोटियां सेंकने के अलावा कुछ नहीं कियाः सीएम सुक्खू

 

 


utkalmailtv

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button