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पेरिस पैरालंपिक के लिए विदेश में नहीं, सोनीपत में ही करना चाहता हूं तैयारी : भालाफेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल – Utkal Mail


नई दिल्ली। पेरिस को अपने लिए ‘लकी’ मानने वाले विश्व रिकॉर्डधारी पैरालम्पिक चैम्पियन भालाफेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल ने कहा कि अगले साल वहां होने वाले पैरालम्पिक खेलों की तैयारी वह विदेश में नहीं बल्कि अपने शहर सोनीपत में ही करना चाहते हैं । पेरिस के मौसम और माहौल में अनुकूलन के लिये जहां अधिकांश खिलाड़ी यूरोपीय देशों में अभ्यास पर जोर दे रहे हैं।

वहीं कई बार विश्व रिकॉर्ड बना चुके सुमित को इसकी जरूरत महसूस नहीं होती। उन्होंने इंटरव्यू में कहा, मुझे नहीं लगता कि यूरोप में अभ्यास जरूरी है। पेरिस मेरे लिये वैसे भी लकी रहा है जहां 2018 से मैं खेल रहा हूं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता आया हूं। अब तक वहां तीन चार खेल चुका हूं और मुझे अनुकूलन की दिक्कत नहीं आई। 

खेलरत्न पुरस्कार प्राप्त इस खिलाड़ी ने कहा, बहुत ठंड या बहुत गर्मी में परेशानी होती है लेकिन पैरालम्पिक अगस्त में हैं और उस समय पर मैं पेरिस में खेल चुका हूं । मैने इस साल जुलाई में 70 . 83 का विश्व रिकार्ड पेरिस में ही विश्व चैम्पियनशिप में बनाया था। एफ 64 वर्ग में तोक्यो पैरालम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले सुमित ने 70 . 83 मीटर का अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर सितंबर में हांगझोउ पैरा एशियाई खेलों में 73 . 29 मीटर के साथ पीला तमगा जीता । इससे पहले भी वह कई बार विश्व रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं । उन्होंने कहा, मैं पेरिस पैरालम्पिक के लिये अभ्यास अपने शहर सोनीपत में ही रहकर करूंगा। विदेश में अभ्यास मुझे रास नहीं आता । मेरी तैयारी बहुत अच्छी चल रही है । हांगझोऊ में कुछ तकनीकी कमियां सामने आई जिन पर काम कर रहा हूं । चोटमुक्त रहने के लिये भी हरसंभव प्रयास कर रहा हूं।

 एक दुर्घटना में बायां पैर गंवाने के बाद पहलवान बनने का सपना टूटने के बाद पैरा भालाफेंक में पदार्पण करने वाले 25 वर्ष के इस खिलाड़ी ने कहा, पैरा एशियाई खेलों का स्वर्ण और रिकॉर्ड बीती बात हो गया और अब नजरें अगले लक्ष्य पर है । अभी मई में कोबे में विश्व चैम्पियनशिप है जिसकी तैयारी कर रहे हैं । इसके अलावा मेरा लक्ष्य जीवन में कभी न कभी 80 मीटर की बाधा पार करना है।

भारतीय एथलेटिक्स के ‘पोस्टर ब्वॉय’ और ओलंपिक तथा विश्व भालाफेंक चैम्पियन नीरज चोपड़ा से तुलना को बेमानी बताते हुए उन्होंने कहा, एक एथलीट और पैरा एथलीट की तुलना हो ही नहीं सकती। दोनों का संघर्ष अलग है, बेंचमार्क अलग है । मैं अपनी तुलना किसी पैरा एथलीट से भी नहीं करना चाहूंगा क्योंकि बहुत सारे पहलू होते हैं । सभी का अपना सफर होता है। तुलना करने की बजाय अपने खेल पर फोकस करना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में पैरा खेलों को लेकर जागरूकता से खिलाड़ियों की काफी हौसलाअफजाई हो रही है। 

अंतिल ने कहा, जब मैने खेलना शुरू किया था , तब से आज तक भारत में पैरा खेलों के परिदृश्य में काफी बदलाव आया है । लोगों में जागरूकता पैदा हुई है और जिस तरह से पैरा खिलाड़ियों पर भरोसा करके हौसलाअफजाई कर रहे हैं, उसे देखकर बहुत खुशी होती है । खेलो इंडिया पैरा खेलों से युवाओं को नयी प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने पेरिस पैरालम्पिक 2024 में रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन की उम्मीद जताते हुए कहा, जूनियर स्तर पर बहुत अच्छे खिलाड़ी आ रहे हैं और उम्मीद है कि पेरिस पैरालम्पिक में तोक्यो से बेहतर प्रदर्शन होगा । भालाफेंक में हम (सक्षम और पैरा एथलीट) विश्व की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक हैं । कोशिश करेंगे कि आने वाले समय में क्लीन स्वीप कर सकें।

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