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Ashunya Shayan Vrat 2023: पत्नी की लंबी उम्र के लिए पति रखते हैं अशून्य द्वितीया का व्रत, जानें पारण और चंद्रोदय का समय – Utkal Mail


Ashunya Shayan Vrat 2023: हिंदी धर्म शास्त्र में पति-पत्नी के बीच रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए अशून्य शयन द्वितीया व्रत सबसे उत्तम माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत में भगवान विष्णु और देवी मां लक्ष्मी की विधि –विधान से पूजा की जाती है। कहा जाता है कि पुरुषों को अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिए यह व्रत करना चाहिए। 28 नवंबर यानि आज अशून्य शयन द्वितीया व्रत किया जाएगा। यह व्रत पूजा पांच  महीने – सावन, भादों, आश्विन, कार्तिक और अगहन में होती है। 

ऐसे करें पारण
द्वितीया तिथि में रात को चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर अशून्य शयन व्रत का पारण किया जाता है। द्वितीया तिथि 28 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 1 मिनट पर लग जायेगी और कल की दोपहर 1 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। यानि द्वितीया तिथि में चंद्रोदय मंगलवार को ही होगा। लिहाजा अशून्य शयन व्रत आज ही किया जाएगा। 

जानें चंद्रोदय का समय
शास्त्रों के अनुसार चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु का शयनकाल होता है और इस अशून्य शयन व्रत के माध्यम से शयन उत्सव मनाया जाता है। गृहस्थ पति को यह व्रत अवश्य करना चाहिए। आज इस व्रत में शाम के समय चंद्रोदय होने पर अक्षत, दही और फलों से चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है और अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। बता दें कि आज रात चंद्रोदय रात 7 बजकर 9 मिनट पर होगा। 

महत्व
अशून्य शयन द्वितिया का अर्थ है- बिस्तर में अकेले न सोना पड़े। जिस प्रकार स्त्रियां अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत करती हैं, ठीक उसी तरह पुरूषों को अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिए यह व्रत करना चाहिए। शास्त्रों के मुताबिक, अशून्य शयन द्वितिया का यह व्रत पति-पत्नी के रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए बेहद अहम है। 

(नोट- यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। अमृत विचार इसकी पुष्टी नहीं करता है।) 

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