बाराबंकी: पांडू पुत्र नकुल ने किया था नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना, उमड़ती है भक्तों की भारी भीड़ – Utkal Mail
सुबेहा/बाराबंकी, अमृत विचार। तहसील मुख्यालय हैदरगढ़ से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थिति हरपालपुर गांव में विराजमान नील कंठेश्वर महादेव का अति प्राचीन शिव मंदिरजहां पर आस-पास के जिले अमेठी, सुल्तानपुर, रायबरेली, अयोध्या सहित कई जनपदों के भक्त दर्शन पूजन के लिए आते हैं। सावन मास में भक्तों के द्वारा ऊ: नम: शिवाय का जाप, रूद्राभिषेक सहित कई अनुष्ठान कराया जाते हैं तो वहीं मंदिरके पुजारी अजेन्द्र पुरी जी महराज के द्वारा प्रत्येक सावन मास में सात दिवसीय शिव पुराण की कथा का आयोजन कराया जाता हैं।
इस मंदिर के इतिहास के बारे में बात करें तो नील कंठेश्वर महादेव मंदिरमहाभारत कालीन बताया जाता हैं। किवदंती है कि वनवास के दौरान पांडू पुत्र नकुल ने महाभारत में विजय के लिए नील कंठेश्वर महादेव की स्थापना कर पूजा-अर्चना कर विजय श्री का आशीर्वाद प्राप्त किया था। समय – समय पर नील कंठेश्वर धाम के मठ व भक्तों के द्वारा विकास कार्य कराये जाते रहे हैं। जिससे मंदिर की भव्यता निरंतर बढ़ती रहती हैं।
चुनाव के समय यहां पर अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रत्याशी भी आते रहते हैं और विजय श्री का आशीर्वाद मिलने पर जन प्रतिनिधियों के द्वारा भी विकास कार्य कराये जाते रहे हैं। मंदिर के पुजारी अजेन्द्र पुरी महराज का कहना है कि सावन मास के सोमवार में भक्तों की भारी भीड़ यहां बाबा के दर्शन के लिए आती हैं। भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाता है। मंदिर का कपाट सुबह चार बजे धूप आरती की साथ खुलता हैं और सायं सात बजे विशेष आरती के बाद बन्द कर दिया जाता हैं। इन दिनों मंदिर में भक्तों का जमावाड़ा लगा हुआ है।
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