राशिफल

सरकार के प्रस्ताव – Utkal Mail

केंद्र सरकार और आंदोलनरत किसान संगठनों के बीच हुई चौथे दौर की वार्ता बेनतीजा रही। किसान संगठनों और सरकार के बीच इससे पहले तीन बैठकें हो चुकी हैं। ये बैठकें 8, 12 और 15 फरवरी को चंडीगढ़ में ही हुई थीं। हालांकि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार देर रात हुई इस बैठक को सकारात्मक बताया है। 

किसानों के साथ वार्ता के बाद तीन केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति ने दाल, मक्का और कपास सरकारी एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने के लिए पांच वर्षीय समझौते का प्रस्ताव रखा है। किसान नेताओं का कहना है कि सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करके भविष्य की रणनीति तय करेंगे। फिलहाल दिल्ली चलो मार्च को स्थगित किया गया है। 

किसान एमएसपी के लिए कानून बनाने और स्वामीनाथन आयोग की सभी सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि पहले भी किसानों ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन किया था। किसानों के आंदोलन को देखते हुए केंद्र सरकार ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) क़ानून -2020, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020 को रद कर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने का वादा किया था। 

इस पर किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया था। जानकारों के मुताबिक गेहूं, धान पर एमएसपी की गारंटी व्यावहारिक नहीं है। वैसे भी एमएसपी का फायदा तभी है, जब यह बाजार भाव से ज्यादा हो। संभावना जताई जा रही है कि उदारीकरण के इस दौर में निजी क्षेत्र में ज्यादा कीमत मिल सकती है। 

अब केंद्र सरकार ने किसानों के सामने फसलों के विविधीकरण का प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत अलग-अलग फसलें उगाने पर उन्हें एमएसपी पर ख़रीदा जाएगा। फसलों के विविधीकरण का सरकार का यह प्रस्ताव अनूठा है। कपास, दलहन और मक्का अगर बहुतायत में उगाई जाएंगी तो इससे न केवल किसान अपितु देश की अर्थव्यवस्था को और बल मिलेगा। सरकार ने ए 2 प्लस एफएल फार्मूले पर भी जोर दिया है। 

इसके तहत बीज, खाद, सिंचाई एवं अन्य वस्तुओं की कीमतों और मजदूरी के आधार पर ही फसल की लागत तय होगी। वास्तव में इन प्रस्तावों में कोई बुराई नहीं है और प्रस्ताव किसान के हित में हैं। सरकार ने किसानों की मांगों पर सकारात्मक संकेत दिए हैं, तो आंदोलनकारी किसानों को इस पर आगे बढ़ना चाहिए। आंदोलन से प्रभावित जनजीवन को सामान्य बनाने में सहयोग करना चाहिए।


utkalmailtv

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button