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जयशंकर की टिप्पणी पर मंत्री मार्क मिलर बोले-लोगों को देश में प्रवेश देने के मामले में 'ढिलाई नहीं बरतता' कनाडा  – Utkal Mail

ओटावा। कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की उस टिप्पणी को खारिज किया कि ओटावा लोगों को देश में प्रवेश देने के मामले में “ढिलाई बरतता” है। मिलर ने कहा कि छात्र वीजा पर कनाडा में प्रवेश करने वाले लोगों की आपराधिक रिकॉर्ड की अधिकारी जांच करते हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने शनिवार को कहा था, ‘‘हमने उनसे (कनाडाई प्राधिकारियों) कई बार कहा कि वे ऐसे लोगों को वीजा, मान्यता या राजनीतिक क्षेत्र में जगह न दें जो उनके (कनाडा के) लिए, हमारे लिए और हमारे संबंधों में समस्या पैदा कर रहे हैं। लेकिन कनाडा सरकार ने कुछ नहीं किया।’’ 

जयशंकर ने कहा था कि भारत ने 25 लोगों के प्रत्यर्पण की मांग की थी जिनमें से अधिकांश खालिस्तान समर्थक हैं लेकिन उन्होंने इस पर गौर नहीं किया। उनकी यह टिप्पणी कनाडा के प्राधिकारियों द्वारा तीन भारतीय नागरिकों पर खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाए जाने के बाद आयी है। बताया गया है कि वे छात्र वीजा पर कनाडा में दाखिल हुए थे। कनाडाई नागरिक निज्जर की 18 जून, 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एडमॉन्टन में रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों, करण बराड़ (22), कमलप्रीत सिंह (22) और करणप्रीत सिंह (28) पर शुक्रवार को हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। 

कनाडा के विशेष टेलीविजन चैनल ‘केबल पब्लिक अफेयर्स चैनल’ की खबर के अनुसार, जयशंकर की टिप्पणी के बारे में सोमवार को एक सवाल का जवाब देते हुए मिलर ने कहा, “हम ढिलाई नहीं बरत रहे हैं और भारतीय विदेश मंत्री अपनी राय रखने के हकदार हैं।” यह पूछे जाने पर कि कनाडाई सरकार ने इस बारे में क्या करने की योजना बनाई है तो उन्होंने कहा, “इस बारे में कि भारतीय विदेश मंत्री ने क्या कहा है? उन्हें अपने मन की बात कहने दीजिए। यह सही नहीं है।” उन्होंने कहा कि कनाडा छात्र वीजा पर देश में प्रवेश करने वाले लोगों के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच करता है। यह पूछे जाने पर कि यह कैसे काम करता है, तो उन्होंने कहा, ” इसकी जांच करते हैं कि क्या उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड है; होता है तो वे नहीं आते हैं।

 मिलर ने कहा कि कनाडा “इस तरह की किसी भी रिपोर्ट को बहुत गंभीरता से लेता है।” उन्होंने इस बात की पुष्टि करने से इनकार कर दिया कि क्या निज्जर की हत्या के लिए गिरफ्तार किए गए तीन भारतीय छात्र वीजा पर कनाडा में थे। उन्होंने कहा कि ऐसी कुछ जानकारी है जिसे वह पुलिस की जांच जारी रहने के चलते इस समय साझा नहीं कर सकते। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पिछले साल सितंबर में भारतीय एजेंटों पर निज्जर की हत्या में ‘‘संभावित रूप से’’ शामिल होने का आरोप लगाया था जिसके बाद भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव आ गया था। 

भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘‘बुतुका’’ और ‘‘प्रेरित’’ बताकर खारिज कर दिया था। भारत ने निज्जर को “आतंकवादी” घोषित किया था। हत्या के सिलसिले में तीन भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद कनाडा में पुलिस ने अतिरिक्त विवरण दिए बिना कहा कि उन्होंने अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया है। पुलिस ने इसके संकेत दिये कि और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) के सहायक आयुक्त डेविड टेबौल ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह गिरफ्तार किए गए तीन लोगों और भारतीय अधिकारियों के बीच कथित संबंधों पर टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने कहा था कि बल ‘‘भारत सरकार के साथ संबंधों की जांच कर रहा है।

 इस बीच, जयशंकर ने शनिवार को कहा था कि खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे पर कनाडा में जो कुछ भी हो रहा है वह ज्यादातर वहां की आंतरिक राजनीति के कारण है और इसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि खालिस्तान समर्थकों का एक वर्ग कनाडा के लोकतंत्र का इस्तेमाल कर रहा है, ‘लॉबी’ बना रहा है और एक वोट बैंक बन गया है।

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