भारत

यूजीसी ने भारतीय भाषाओं में 22,000 पुस्तकें तैयार करने के लिए शुरू की परियोजना  – Utkal Mail

नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अगले पांच वर्षों में भारतीय भाषाओं में 22,000 पुस्तकें तैयार करने के लिए मंगलवार को एक परियोजना शुरू की। ‘अस्मिता’ (अनुवाद और अकादमिक लेखन के जरिये भारतीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री का संवर्धन) नामक परियोजना की शुरूआत उच्चतर शिक्षा सचिव संजय मूर्ति ने की। शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए यह यूजीसी और भारतीय भाषा समिति की एक सहयोगात्मक कोशिश है। समिति, शिक्षा मंत्रालय के तहत एक उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी है। 

यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा कि परियोजना का उद्देश्य उच्चतर शिक्षा के विभिन्न विषयों में भारतीय भाषाओं में अनुवाद और मौलिक पुस्तक लेखन के लिए एक मजबूत परिवेश बनाना है। इसका लक्ष्य पांच वर्षों के भीतर 22 भाषाओं में 1,000 पुस्तकें तैयार करना है, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय भाषा में 22,000 पुस्तकें तैयार होंगी। परियोजना का नेतृत्व करने के लिए 13 नोडल विश्वविद्यालयों को चिह्नित किया गया है। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से सदस्य विश्वविद्यालय भी इसमें शामिल हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘यूजीसी ने प्रत्येक निर्दिष्ट भाषा में पुस्तक-लेखन प्रक्रिया के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी तैयार की है।’’ इसके अलावा, मंत्रालय ने ‘‘बहुभाषा शब्दकोश’’ भी जारी किया। यूजीसी ने एक बयान में कहा, ‘‘इस पहल पर केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान (सीआईआईएल) द्वारा भारतीय भाषा समिति के सहयोग से काम किया जाएगा। यह शब्दकोश आईटी, उद्योग, अनुसंधान, शिक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय शब्दों, वाक्यांशों और वाक्यों के उपयोग में मदद करेगा।

ये भी पढ़ें -सुप्रीम कोर्ट को मिले 2 नए न्यायाधीश, राष्ट्रपति मुर्मू से मिली नियुक्ति की मंजूरी


utkalmailtv

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button