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छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, दिवंगत सदस्यों को दी गई श्रद्धांजलि – Utkal Mail

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हुआ। कार्यवाही की शुरुआत दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने से हुई। सदस्यों ने अविभाजित मध्य प्रदेश शासन के पूर्व संसदीय सचिव मकसूदन लाल चंद्राकर, अविभाजित मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य अमीन साय, लक्ष्मी प्रसाद पटेल व अग्नि चंद्राकर को श्रद्धांजलि दी। छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद बलौदाबाजार कांड की गूंज सुनाई दी। सदन में आज वन भूमि पट्टा फर्जीवाड़े का मुद्दा भी उठा। बलौदाबाजार हिंसा मामले में विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन का काम रोककर हिंसा के मामले में चर्चा की मांग की। स्थगन पर चर्चा की मांग पर भारतीय जनता पार्टी विधायक अजय चंद्राकर ने आपत्ति जताई। 

उन्होंने कहा कि सदन में न्यायिक प्रक्रिया के विषय में चर्चा नहीं हो सकती। बलौदाबाजार हिंसा के मामले में न्यायिक जांच चल रही है। इसलिए इस विषय पर चर्चा नहीं की जा सकती। इस पर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि स्थगन नियम प्रक्रियाओं के अनुरूप है। इसके बाद सदन में दोनों पक्षों में बहस शुरू हो गई। भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने भी सदन में चर्चा पर आपत्ति जताई। वहीं धरमलाल कौशिक ने कहा कि इस मामले में जांच की घोषणा की गई है, इसलिए इस विषय पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती। जांच रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद सदन में जरूर चर्चा की जा सकती है। इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि जांच आयोग बिरकोनी में हुई घटना की जांच तक सीमित है। हमारा स्थगन बलौदाबाजार हिंसा की जांच पर केंद्रित है। बघेल ने कहा कि, इस विषय में सदन में चर्चा की जा सकती है। इस पर चंद्राकर ने कहा- अमरगुफा की घटना की प्रतिक्रिया में ही यह हिंसा हुई। विधानसभा की परंपरा को देखते हुए इस पर चर्चा न कराई जाए। जब न्यायिक प्रक्रिया चल रही है तो सदन में चर्चा न हो। इस पर अजय चंद्राकर और विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। 

बघेल ने आगे कहा कि इस घटना के लिए सुशासन की बात करने वाली सरकार ही जिम्मेदार है। पूरे देश में ऐसी घटना नहीं हुई है, इसका कलंक सरकार के सीने पर है। घटना के बाद सफेद कपड़ा पहने लोगों से मारपीट की गई, गलत लोगों को गिरफ्तार किया गया, चर्चा में सभी बातें सामने आएंगी। इस बीच विधानसभा में वन भूमि पट्टा फर्जीवाड़े का मुद्दा भी उठा। कांग्रेस विधायक जनक ध्रुव ने कहा कि मैनपुर के ग्राम शोभा में वन भूमि पट्टा के लिए सरपंच, सचिव के फर्जी हस्ताक्षर और सील के माध्यम से फर्जी मांग पत्र तैयार कराया गया। श्री बघेल व पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने इस मामले की जांच के लिए समिति गठित करने की मांग की। इस पर मंत्री टंक राम वर्मा दस्तावेज उपलब्ध कराने की बात कही तो असंतुष्ट विपक्ष ने कार्रवाई की मांग की। भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने प्रश्नकाल में प्रश्न पूछे उन्होंने पूछा कि रिक्त पदों पर भर्ती कब तक होगी? उन्होंने कहा कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। 

इसके जवाब में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि देश के औसत से हमारा शिक्षकों का औसत बेहतर है, फिर भी शिक्षकों की कमी है। करीब 300 शिक्षक विहीन स्कूल हैं। करीब 5500 एकल शिक्षक स्कूल हैं। उक्तियुक्तकरण पहले करेंगे, फिर शिक्षकों की भर्ती करेंगे। उक्तियुक्तकरण से भी शिक्षकों की कमी दूर होगी। शून्यकाल में चरण दास महंत ने कहा कि विष्णुदेव सरकार के मंत्रिमंडल को अयोध्या में रामलला दर्शन करने की बधाई। क्या सरकार के मंत्री भगवान राम को भोग लगाने के लिए बेर लेकर गए, क्या शिवरीनारायण के बेर लेकर गए। उन्होंने पूछा कि भगवान राम की बात करने वाली पार्टी बताए कि उनके से जुड़ा एक भी पत्थर लगाया है क्या। हमारी सरकार ने भगवान राम के 75 स्थान चिन्हित किए। हमारी सरकार ने दस स्थानों पर विकास कराया। मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा की कार्रवाई देखने के लिए छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और कोरबा लोकसभा की सांसद ज्योत्सना महंत पहुंचीं। दोनों ही अध्यक्षीय दीर्घा में बैठे थे। इस दौरान विधानसभा के सदस्यों ने उनका अभिवादन किया। 

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