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दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? सुनीता केजरीवाल और आतिशी संभावित उम्मीदवारों में शामिल – Utkal Mail

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा पद से इस्तीफा देने की अप्रत्याशित घोषणा के बाद उनके संभावित स्थानापन्न के रूप में उनकी पत्नी सुनीता और उनके मंत्रियों आतिशी तथा गोपाल राय के नामों को लेकर चर्चा तेज हो गयी है।

केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वह दो दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे देंगे और दिल्ली में समय पूर्व चुनाव कराने की मांग करेंगे। आबकारी नीति से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले में शुक्रवार को तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए केजरीवाल ने कहा कि अगले कुछ दिन में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों की बैठक होगी और पार्टी के एक नेता को मुख्यमंत्री चुना जाएगा।

केजरीवाल ने कहा कि जब तक लोग उन्हें ‘‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र’’ नहीं दे देते, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिए पत्नी सुनीता के साथ पार्टी मुख्यालय पहुंचे केजरीवाल ने कहा कि वह और मनीष सिसोदिया क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तभी बनेंगे, “जब लोग कहेंगे कि हम ईमानदार हैं।”

सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में पिछले महीने जमानत मिली थी। केजरीवाल ने कहा कि यदि लोगों को लगता है कि वह ईमानदार हैं तो उन्हें अगले साल की शुरुआत में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्हें (केजरीवाल) को वोट देना चाहिए, अन्यथा नहीं। हालांकि, केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा के बाद नए मुख्यमंत्री पर आम आदमी पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल इस पद के लिए संभावित उम्मीदवार हो सकती हैं। आम आदमी पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि जब इस साल 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया था, तब सुनीता केजरीवाल ने दिल्ली, गुजरात और हरियाणा में हाल के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

पार्टी के पदाधिकारी ने तर्क दिया कि वह भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) की एक पूर्व अधिकारी हैं, जो सरकार के कामकाज को भी समझती हैं। हालांकि, आप के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि पार्टी का कोई विधायक ही नया मुख्यमंत्री बनेगा।

केजरीवाल ने कहा कि अगले मुख्यमंत्री का नाम मंगलवार को पार्टी विधायकों की बैठक में तय किया जाएगा। मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों में मंत्री कैलाश गहलोत और सौरभ भारद्वाज का नाम भी शामिल है। ऐसी भी अटकलें हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आप किसी दलित या मुस्लिम विधायक को मुख्यमंत्री पद के लिए आगे ला सकती है।

दिल्ली में 12 सीट आरक्षित हैं और लगभग आधा दर्जन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में अल्पसंख्यक आबादी काफी अधिक है। मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों में आतिशी को भी एक प्रबल दावेदार माना जा रहा है। आतिशी के पास दिल्ली सरकार में शिक्षा, वित्त, लोक निर्माण विभाग, राजस्व और सेवाएं समेत अधिकतम संख्या में विभाग हैं।

आतिशी को केजरीवाल का करीबी भी माना जाता है। वह पार्टी की अग्रणी प्रवक्ता भी हैं, जो आप सरकार और केजरीवाल का बचाव करती हैं तथा अपने नियमित संवाददाता सम्मेलनों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधती हैं।

गोपाल राय पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं और 2013 में पहली बार आप के सत्ता में आने के बाद से ही उनके सरकार में होने के कारण उनका सम्मान किया जाता रहा है। गोपाल राय को भी मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। सौरभ भारद्वाज दिल्ली मंत्रिमंडल के एक प्रमुख सदस्य हैं और उनके पास स्वास्थ्य और शहरी विकास सहित कई महत्वपूर्ण विभाग हैं। वह भी इस दौड़ में शामिल हैं।

आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए आश्चर्यजनक उम्मीदवार अल्पसंख्यक समुदाय का भी हो सकता है क्योंकि पार्टी ने 2020 में दिल्ली दंगों के बाद से समुदाय के बीच समर्थन कम होता देखा है। ऐसी स्थिति में दिल्ली के मंत्री इमरान हुसैन वह चकित करने वाला चेहरा हो सकते हैं।

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