भारत

World Contraception Day: विशेषज्ञ की परामर्श के बिना गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन हो सकता है घातक – Utkal Mail

लखनऊ, अमृत विचार। विशेषज्ञ की परामर्श के बिना गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल घातक हो सकता है। आंकड़ों के मुताबिक, ज्यादातर महिलाएं बिना विशेषज्ञ के परामर्श के ही गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन कर लेती हैं। लंबे समय तक दवाओं का इस्तेमाल करने से भविष्य में उन्हें गर्भ धारण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 

यह कहना है हजरतगज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीता नेगी का। उन्होंने विश्व गर्भनिरोधक दिवस पर जानकारी साझा की। उन्होंने बताया लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 26 सितंबर को विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष इस दिवस का विषय सभी के लिए एक विकल्प, योजना बनाने की स्वतंत्रता, चुनने की शक्ति रखा गया है।

महाप्रबंधक, परिवार नियोजन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ . सूर्यांशु ओझा बताते हैं कि परिवार को नियोजित रखने में गर्भनिरोधक साधनों की अहम भूमिका है। गर्भनिरोधक साधनों को अपनाने से मातृ मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है, क्योंकि मातृ मृत्यु का एक प्रमुख कारण असुरक्षित गर्भपात है।

जागरुकता बढ़ने से आंकड़े सकारात्मक

डॉ . सूर्यांशु ओझा ने बताया कि प्रदेश में परिवार नियोजन को लेकर जागरुकता बढ़ी है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) – 5 के अनुसार प्रदेश की सकल प्रजनन दर 2.4 है। एनएफएचएस – 4 में इसकी दर 2.7 थी। एनएफएचएस – 5 के अनुसार 44 फीसद लोगों ने आधुनिक परिवार नियोजन के संसाधनों को अपनाया है, जबकि एनएफएचएस -4 में यह आंकड़ा 31.7 था।

परिवार नियोजन को लेकर पुरुषों की मनोवृति पर एनएफएचएस-5 के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में 15 से 49 वर्ष की आयु के 50 फीसद पुरुषों का मानना है कि गर्भनिरोधक मुद्दा महिलाओं का मामला है। 58 फीसद पुरुष यह जानते हैं कि यदि सही तरीके से कंडोम का उपयोग किया जाए तो अधिकांशतः यह गर्भ ठहरने से रोकता है।

महिलाओं की पहली पसंद अंतरा इंजेक्शन

सरकार द्वारा परिवार नियोजन सेवाओं के प्रति जागरुकता बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सुधारने के लिए किए गए प्रयासों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2022-23 से 2023-24 तक कुल परिवार नियोजन साधनों के उपयोग में कुल 14 फीसद की वृद्धि हुई है।

वहीं सबसे अधिक 41 फीसद की बढ़त त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा के इस्तेमाल में देखने को मिली। प्रदेश में प्रसव पश्चात् इंट्रायूटेरिन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस ( पीपीआईयूसीडी) के इस्तेमाल में 24 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि आईयूसीडी के इस्तेमाल में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है। नॉन हार्मोनल साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया के उपयोग में 20 फीसद का इजाफा हुआ है। महिला नसबंदी में भी प्रदेश में 17 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया है।

जिले में परिवार नियोजन का तीन साल का आंकड़ा

वर्ष             पुरुष नसबंदी महिला नसबंदी
2021-22 347             4844
2022-23 293             6113
2023-24 261             6989 (लक्ष्य 7400)

कंडोम वितरण का आंकड़ा वर्ष 2021-22 में 26,28,912 था, वर्ष 2022-23 में बढ़कर 33,66,211 हो गया। वहीं, इस वर्ष महज 28,96,210 कंडोम का वितरण किया का सका। जबकि, महिलाओं ने गर्भनिरोधक गोलियां, कॉपर टी, अंतरा इंजेक्शन सहित अन्य परिवार नियोजन साधन वर्ष 2021-22 में 4,04,863 इस्तेमाल किए, पिछले साल वर्ष 2022-23 में आंकड़ा बढ़कर 5,00,982 हो गया था। महिलाओं ने इस साल वर्ष 2023-24 में प्रसवोत्तर अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण (पीपी-आईयूसीडी),16,197,कॉपर-टी 12,650, त्रिमासिक अंतरा इंजेक्शन 10,179 इस्तेमाल किए।

ये भी पढ़ें : जिसके खाने में गड़बड़ी हो उस पर हो कार्रवाई, पूरे वर्ग को न बनाएं निशाना : सांसद रुचि वीरा


utkalmailtv

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button