विदेश

यूक्रेन की मदद से पीछे हटा अमेरिका, तो अन्य देश जारी रखेंगे सैन्य सहायता…जानें ऐसे क्यों बोले एंटनी ब्लिंकन – Utkal Mail

एस्पेन। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि यूक्रेन सैन्य स्तर से ‘अपने पैरों पर खड़े होने’ में सक्षम बनने की राह पर है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि अगर अमेरिका किसी अन्य राष्ट्रपति के शासन में यू्क्रेन को दी जाने वाली मदद रोकने का फैसला लेता है, तो भी 20 से अधिक देशों ने रूस के आक्रमण का सामना कर रहे इस देश को सैन्य एवं वित्तीय सहायता जारी रखने का संकल्प जताया है।

ब्लिंकन ने पहली बार प्रत्यक्ष रूप से यह संभावना जताई है कि डोनाल्ड ट्रंप नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव जीत सकते हैं और यूक्रेन को दी जाने वाली रोक सकते हैं। राष्ट्रपति जो बाइडेन के नेतृत्व में अमेरिका रूस से दो साल से अधिक समय से जारी युद्ध में यूक्रेन का सबसे अहम सहयोगी रहा है। 

यूक्रेन को अमेरिकी सहायता पर ट्रंप का रुख स्पष्ट नहीं रहा है। उन्होंने युद्ध प्रभावित देश को सैन्य मदद देने के बाइडन प्रशासन के फैसले की कभी आलोचना, तो कभी समर्थन किया है। हालांकि, उपराष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार जेडी वेंस अमेरिका की ओर से यूक्रेन को दी जाने वाली अरबों डॉलर की सैन्य एवं वित्तीय मदद को रोकने की वकालत करते आए हैं। ब्लिंकन ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी नये प्रशासन को इस बात को ध्यान में रखना होगा कि अमेरिकी संसद में यूक्रेन को हासिल द्विदलीय समर्थन रूस के क्षेत्र एवं प्रभाव में इजाफा करने के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रयासों से निपटने के हित में है। 

कोलाराडो में ‘एस्पेन सुरक्षा मंच’ में अमेरिकी सांसदों व अन्य को संबोधित करते हुए ब्लिंकन ने कहा, “बेशक, हर प्रशासन के पास अपनी नीति निर्धारित करने का मौका होता है, पर हम भविष्य का निर्धारण नहीं कर सकते।” ब्लिंकन ने उन सुरक्षा समझौतों की ओर इशारा किया, जिन पर अमेरिका और 20 से अधिक अन्य सहयोगियों ने इस महीने वाशिंगटन में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) शिखर सम्मेलन में हस्ताक्षर किए। इन सहयोगियों में नाटो साझेदार, जापान और यूरोपीय संघ शामिल हैं। उन्होंने कहा, “क्या हम उससे मुकर जाएंगे… मुझे लगता है कि यह संभव है, लेकिन खुशी की बात यह है कि लगभग 20 ऐसे देश हैं, जो मदद देने को तैयार हैं।” ब्लिंकन ने कहा कि यूक्रेन सैन्य, आर्थिक और लोकतांत्रिक रूप से ‘‘अपने पैरों पर खड़े होने’’ में सक्षम बनने की राह पर है। 

ये भी पढ़ें : नाइजीरिया ने मेटा पर 22 करोड़ अमेरिकी डॉलर का लगाया जुर्माना, जानिए क्यों?


Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button