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Year Ender 2024: महाराष्ट्र 2024 के दौरान महायुति की सत्ता में वापसी, सरपंच की हत्या और परभणी में हिंसा का बना गवाह – Utkal Mail

मुंबई। भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की सत्ता में वापसी, बीड जिले में एक सरपंच की नृशंस हत्या और परभणी जिले में हिंसा के बाद न्यायिक हिरासत में एक दलित की मौत 2024 में महाराष्ट्र में होने वाली प्रमुख घटनाओं में शामिल हैं।

भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस (54) ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन ने 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में 288 में से 230 सीटें जीतीं। यह शानदार जीत महायुति को राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से महज 17 सीटें मिलने के छह महीने बाद आई है, जबकि कांग्रेस, राकांपा (शरदचंद्र पवार) और शिवसेना (उबाठा) वाले विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) ने 30 सीटें हासिल की थीं।

विधानसभा चुनावों में महायुति को मिले भारी जनादेश का श्रेय लाडकी बहिन योजना जैसी लोकलुभावन योजनाओं को दिया गया, जिसके तहत पात्र महिलाओं के आधार से जुड़े उनके बैंक खातों में प्रति माह 1,500 रुपये सीधे जमा कराए जाते हैं। महायुति को भले ही भारी जीत हासिल हुई, लेकिन नए मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण में देरी हुई।

इसका कारण स्पष्ट रूप से निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का अपने पद पर बने रहने पर दिया जा रहा जोर था क्योंकि भारी जनादेश उनके नेतृत्व में मिला था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में मुंबई में पांच दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह हुआ। फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि शिंदे और राकांपा नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले 15 दिसंबर को नागपुर में छह राज्य मंत्रियों सहित 39 मंत्रियों ने शपथ ली। सत्र के अंतिम दिन 21 दिसंबर को सभी मंत्रियों को विभाग आवंटित कर दिए गए। फडणवीस ने गृह विभाग बरकरार रखा, जबकि शिंदे और अजित पवार को क्रमशः शहरी विकास विभाग और वित्त विभाग मिला।

मंत्रिमंडल विस्तार के बाद महायुति गठबंधन में असंतोष देखने को मिला तथा सत्तारूढ़ गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं ने मंत्री पद न दिए जाने पर खुले तौर पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल और भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार ने अनदेखी किए जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर की। राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई।

उनके बेटे अमित ठाकरे मुंबई की माहिम विधानसभा सीट से हार गए। प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन आघाडी के लिए भी विधानसभा चुनाव ‘फ्लॉप शो’ रहा क्योंकि वह एक भी सीट जीतने में असफल रही। विधानसभा चुनावों में कुछ बड़े उलटफेर भी देखने को मिले। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण कराड दक्षिण से हार गए, जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट संगमनेर से हार गए।

राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले विदर्भ के साकोली से मात्र 200 मतों के अंतर से विजयी हुए। बीड जिले के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की 9 दिसंबर को नृशंस हत्या ने राज्य में राजनीतिक बखेड़ा खड़ा कर दिया। जिले से आने वाले भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक ने राज्य विधानसभा में दावा किया कि देशमुख को प्रताड़ित किया गया, उनकी आंखें जला दी गईं और लोहे की छड़ों से उनकी बेरहमी से पिटाई की गई, जिसके कारण उनकी मौत हो गई।

विपक्ष ने जहां फडणवीस नीत सरकार पर बीड में “कानून -व्यवस्था बनाए रखने में विफलता” का आरोप लगाया, वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने नागपुर में विधानसभा सत्र के दौरान दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। फडणवीस ने मामले की न्यायिक जांच की घोषणा की और जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए बीड जिले के पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया।

फडणवीस ने विधानसभा को सूचित किया कि राकांपा के मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मीक कराड पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत दो करोड़ रुपये की जबरन वसूली का मामला दर्ज किया गया है और अगर देशमुख की हत्या में उसका संबंध साबित होता है तो उसके खिलाफ भी इस मामला को लेकर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

मराठवाड़ा क्षेत्र के परभणी कस्बे में 10 दिसंबर को उस समय हिंसा भड़क उठी थी, जब रेलवे स्टेशन के बाहर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के पास कांच के घेरे में रखी संविधान की प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।

बाद में फडणवीस ने कहा कि मानसिक रूप से अस्थिर एक व्यक्ति ने संविधान की प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 35 वर्षीय सोमनाथ सूर्यवंशी के परिवार से मुलाकात की, जिनकी हिंसा के लिए गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। गांधी ने कहा, “यह हिरासत में मौत है। पुलिस ने उसे मार डाला है। उसकी हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह दलित था।”

जून में, महाराष्ट्र विधान परिषद की 11 सीटों के लिए हुए चुनाव में कम से कम सात कांग्रेस विधायकों ने पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए मत दिया था। महायुति गठबंधन ने जिन 9 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उन सभी पर जीत हासिल की। वर्षांत में, चचेरे भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे दिसंबर में मुंबई में परिवार की दो शादियों में मिले, जिससे संभावित राजनीतिक गठबंधन के बारे में फिर अटकलें लगने लगीं।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने हाल के विधानसभा चुनावों में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया, जिसमें उसे 288 सीटों में से मात्र 20 सीटें मिलीं, जबकि मनसे एक भी सीट नहीं जीत सकी। अक्टूबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया। इस निर्णय को मराठी से जुड़ी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और साहित्यिक परंपरा का प्रमाण माना गया।

मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने दिसंबर में घोषणा की थी कि वह मराठा समुदाय के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर 25 जनवरी से जालना जिले में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करेंगे। नवंबर में एक चुनावी रैली में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की कि सरकार जल्द ही महाराष्ट्र के पालघर जिले में महत्वाकांक्षी 76,220 करोड़ रुपये की वधावन बंदरगाह परियोजना के पास एक नए हवाई अड्डे पर काम शुरू करेगी।

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