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बिहार : प्रशांत किशोर का BPSC परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर आमरण अनशन जारी – Utkal Mail

पटना। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का हाल में आयोजित बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की एक परीक्षा को रद्द करने की मांग को गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे आमरण अनशन जारी है। एक हफ्ते पहले इस आंदोलन में शामिल हुए प्रशांत किशोर अब अनशन पर बैठ गए हैं। वहीं, बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने इस आंदोलन को नौटंकी बताया है और आज सचिवालय हॉल्ट पर ट्रेन रोकने का फैसला लिया है।

प्रशांत किशोर (47) ने यह घोषणा करते हुए कहा, “मेरी प्राथमिक मांग 13 दिसंबर को आयोजित परीक्षा को रद्द करवाकर एक नई परीक्षा आयोजित करवाना है। मैंने यह भी सुना है कि परीक्षा द्वारा भरे जाने वाले पदों को वस्तुतः खरीद-फरोख्त के लिए रखा गया था। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।” इस अवसर पर किशोर के साथ कई समर्थक भी थे। 

गांधी मैदान गर्दनी बाग से बमुश्किल कुछ किलोमीटर की दूरी पर है, जहां प्रभावित उम्मीदवार लगभग दो सप्ताह से चौबीसों घंटे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। चुनाव रणनीतिकार रहे किशोर को उम्मीद है कि उनकी पार्टी एक साल से भी कम समय में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ा प्रभाव डालेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उपरोक्त मांगें उन चीजों में से कुछ हैं जिन पर उन्हें सरकार से काम करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि राज्य की राजग सरकार “एक अधिवास नीति लाए, जिसमें राज्य के उम्मीदवारों के लिए दो तिहाई सरकारी रिक्तियां आरक्षित हों।” 

उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) ने राज्य का दौरा किया था और बेरोजगारी भत्ते का वादा किया था लेकिन 20 साल बाद भी एक भी व्यक्ति को इसका लाभ नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि सरकार को बेरोजगारी भत्ता देना शुरू करना चाहिए। किशोर ने प्रश्नपत्र लीक की कथित घटनाओं के सिलसिले में पिछले 10 वर्षों में आयोजित कई प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर एक श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग की। किशोर ने कहा कि जिन अधिकारियों ने लोकतंत्र को लाठी तंत्र में बदल दिया, उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए। इस बीच पटना जिला प्रशासन ने एक बयान जारी करते हुए बृहस्पतिवार को कहा,‘‘प्राप्त सूचनानुसार जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर द्वारा अपने लगभग 150 कार्यकर्ताओं के साथ यहां गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के समीप पांच-सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया जा रहा है।’’ 

बयान में कहा गया है,‘‘पटना उच्च न्यायालय के आदेशानुसार पटना ज़िला प्रशासन द्वारा धरना-प्रदर्शन के लिए गर्दनीबाग में स्थल चिन्हित किया गया है। विगत लगभग सात वर्षों से सभी राजनीतिक दल अपनी मांगों को लेकर उसी चिन्हित स्थल पर धरना-प्रदर्शन आयोजित करते हैं।’’ बयान में कहा गया है,‘‘प्रशांत किशोर द्वारा बिना अनुमति के प्रतिबंधित एवं अनधिकृत स्थल पर धरना देना ग़ैर-क़ानूनी एवं स्थापित परंपरा के विपरीत है। इसके लिए उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए उन्हें नोटिस दिया जा रहा है तथा धरना कार्यक्रम को निर्धारित स्थल गर्दनीबाग में स्थानांतरित करने को कहा जा रहा है, अन्यथा आगे विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी।’’ 

तेरह दिसंबर को बीपीएससी द्वारा आयोजित एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता में लगभग पांच लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। यहां बापू परीक्षा केंद्र के सैंकड़ों परीक्षार्थियों ने प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए परीक्षा का बहिष्कार किया था। बीपीएससी ने इस आरोप का जोरदार खंडन करते हुए दावा किया था कि यह परीक्षा को रद्द करने के लिए “एक साजिश” थी। 

बीपीएससी ने बाद में बापू परीक्षा केंद्र के 10,000 से अधिक उम्मीदवारों के लिए नए सिरे से परीक्षा आयोजित कराए जाने का आदेश दिया था। उम्मीदवारों को चार जनवरी को शहर भर में 22 नए नामित केंद्रों पर उपस्थित होने के लिए कहा गया है। कुछ उम्मीदवारों ने इस पर नाराजगी जताई है। उनका मानना ​​है कि इस तरह की व्यवस्था “समान अवसर” सुनिश्चित करने के सिद्धांत के खिलाफ है। अभ्यर्थियों की नाराजगी को लेकर 11 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से मुलाकात की थी, जिसे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में सरकार की ओर से उठाया गया एक कदम माना जा रहा था । हालांकि सरकार यह भी कहती रही है कि मामले में कोई भी निर्णय “स्वायत्त” लोक सेवा आयोग को लेना होगा। 

प्रतिनिधिमंडल में किशोर के पार्टी सहयोगी और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आर के मिश्रा भी शामिल थे। इकतीस दिसंबर को मुख्यमंत्री के प्रमुख सहयोगी वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा था कि 13 दिसंबर को प्रश्नपत्र लीक होने का कोई सबूत नहीं है। उसके बाद यह माना जाने लगा था कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करने को तैयार नहीं है । इस बीच पटना के जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक ने बीपीएससी द्वारा चार जनवरी को आयोजित एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता पुनर्परीक्षा को स्वच्छ, कदाचारमुक्त एवं शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न कराने के लिए दण्डाधिकारियों, पुलिस अधिकारियों एवं केन्द्राधीक्षकों की संयुक्त ब्रीफिंग की। 

बयान में कहा गया है, “अधिकारियों को सर्वोच्च स्तर की सतर्कता एवं सजगता रखने तथा आयोग के दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया। परीक्षा में किसी भी प्रकार का व्यवधान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा।” बीपीएससी के मुद्दे पर पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने तीन जनवरी को रेल और और राष्ट्रीय राजमार्ग रोको अभियान की घोषणा की है। भाकपा माले लिबरेशन ने भी घोषणा की कि उसकी छात्र ईकाई आइसा, समान विचारधारा वाले संगठनों के साथ मिलकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास के सामने प्रदर्शन करेगी ताकि “नीतीश कुमार को इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ने के लिए मजबूर किया जा सके।” 

वामपंथी पार्टी ने कहा, “बिहार भर से हजारों युवक और युवतियां कल के विरोध प्रदर्शन के लिए पटना में एकत्र होंगे। सरकार को परीक्षा रद्द करनी होगी और नए सिरे से परीक्षा का आदेश देना होगा, साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।” युवा कांग्रेस की राज्य इकाई ने भी बीपीएससी अभ्यार्थियों की मांग के समर्थन में शुक्रवार को यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम से एक किलोमीटर दूर स्थित प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की समाधि तक “मशाल जुलूस” निकालने की घोषणा की है।

यहां गर्दनीबाग में धरने पर बैठे उम्मीदवारों ने कहा, “सभी का समर्थन स्वागत योग्य है, चाहे वह प्रशांत किशोर, पप्पू यादव या किसी अन्य राजनीतिक दल से हो। हालांकि, हमारा संकल्प इस लड़ाई को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने का है, भले ही कोई हमारा समर्थन न करे। अगर जरूरत पड़ी तो हम न्यायपालिका का दरवाजा भी खटखटाएंगे।” 

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