Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में पहुंचे योग गुरु बाबा रामदेव, बोले- "राशन कम, आसन ज्यादा और भोजन कम, भजन ज्यादा" – Utkal Mail

अमृत विचार, प्रयागराज : योग गुरु बाबा रामदेव भी महाकुंभ में मौजूद हैं। अरैल स्थित परमार्थ निकेतन के शिविर में चल रही बाबा बागेश्वर धाम धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की दिव्य हनुमत कथा का रसपान किया। इस मौके पर उन्होंने ‘‘अमृत है हरि नाम जगत में’’ भजन करते हुये संदेश दिया कि प्रयागराज में उत्सव है परन्तु परमार्थ निकेतन में महोत्सव है। उन्होंने संदेश दिया कि राशन कम और आसन ज्यादा, भोजन कम और भजन ज्यादा। सनातन संस्कृति का अद्भुत आकर्षण है। सनातन संस्कृति भारत का गौरव है। आसन, प्राणायाम व योग करें तो हमारे शरीर से भी स्वास्थ्य रूपी अमृत निकलेगा।
जब गुरू और प्रभु का अनुग्रह हमारे पास हो तो कोई भी ग्रह हमें परेशान नहीं कर सकता। कुम्भ, ब्रह्मण्ड की दिव्य शक्तियों का दिव्य संयोग है। यह संयोग 144 वर्षों बाद आया है। इस दिव्य धरती से नशा छोड़ने का संकल्प लेकर जायें। उन्होंने संकल्प कराया कि हम सभी सनातनी हिन्दू है इसलिये हमारे अन्दर हिन्दुत्व होना चाहिये। सनातन धर्म की जय-जयकार करने वालों के साथ सनातन को जीने वाले बनें।
हमारे समाज के असली नायक हैं स्वच्छता कर्मी: धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री
महाकुंभ नगर के अरैल तट पर स्थित परमार्थ निकेतन के शिविर में चल रही दिव्य हनुमत कथा का दूसरा दिन स्वच्छता कर्मियों को समर्पित रहा। कथा के दौरान बाबा बागेश्वर धाम धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने हनुमान जी के गुणगान, राष्ट्र भक्ति, प्रभु प्रेम, समर्पण और उनकी लीलाओं का दिव्य वर्णन किया, जो श्रद्धालुओं के लिए एक अमृत वाणी की तरह है। इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने अपने आशीर्वचन में कहा कि गंदगी व बंदगी साथ-साथ नहीं जा सकती। महाकुम्भ के अवसर पर पूरी दुनिया से श्रद्धालु संगम में स्नान कर पुण्य कमाने आते हैं परन्तु हमारे स्वच्छता कर्मी भाई-बहन संगम को स्नान कराते हैं।
बिना किसी पुरस्कार की उम्मीद के सिर्फ ओर सिर्फ समाज और पर्यावरण की भलाई के लिये करते हैं। वे हमारे समाज के असली नायक हैं, जो अपने समर्पण और मेहनत से इस पवित्र स्थान को स्वच्छ बनाये रखते हैं। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने हनुमत कथा के दिव्य मंच से अंगदान महादान के प्रति जागरूक करते हुये कहा कि जीते-जीते रक्त दान और जाते-जाते अंगदान। कथा में उपस्थिति हजारों श्रद्धालुओं को संकल्प कराया। आज की हनुमत कथा की दिव्य आरती कुम्भ मेला को स्वच्छ और कचरा मुक्त रखने वाले पर्यावरण मित्रों को समर्पित की गयी। सुबह बाबा बागेश्वर एवं स्वामी चिदानंद सरस्वती ने संगम में स्नान किया।
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