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ईरान-तुर्की ने गाजा और लेबनान पर इजरायली हमलों को रोकने के लिए मुस्लिम देशों से किया आह्वान  – Utkal Mail

तेहरान। ईरानी विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची और उनके तुर्की समकक्ष हकन फिदान ने गाजा और लेबनान के खिलाफ इजरायल के नए हमलों को रोकने के लिए मुस्लिम देशों से और प्रयास करने का आह्वान किया है। ईरानी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार सोमवार को एक फोन कॉल में, दोनों पक्षों ने पश्चिम एशिया क्षेत्र में नवीनतम घटनाक्रमों, विशेष रूप से फिलिस्तीन की स्थिति, गाजा और लेबनान पर इजरायल के हमलों की बहाली, यमन पर अमेरिकी हवाई हमलों के साथ-साथ साझा हित के अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। 

अराघची ने हमास और हिजबुल्लाह के साथ संघर्ष विराम समझौतों का उल्लंघन करते हुए गाजा और लेबनान के खिलाफ इजरायल के “अपराधों और आक्रामकता” की निंदा की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय विशेष रूप से मुस्लिम और क्षेत्रीय देशों से इजरायल के “अपराधों” को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया। अराघची ने यमन के खिलाफ अमेरिकी हवाई हमलों की भी निंदा की, तथा “मुस्लिम राज्यों के खिलाफ आक्रामकता और पश्चिम एशिया क्षेत्र में असुरक्षा और अस्थिरता को बढ़ने से रोकने के लिए क्षेत्रीय देशों के बीच आगे सहयोग और समन्वय के महत्व पर बल दिया।” श्री फिदान ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों के लिए कूटनीतिक समाधान खोजने के लिए अपने देश की तत्परता व्यक्त की। 

ईरान ने अमेरिकी द्वारा तेल टैंकरों को जब्त करने की रिपोर्ट को किया खारिज 
ईरान ने सोमवार को उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया कि फारस की खाड़ी में अमेरिकी बलों द्वारा जब्त किए गए ईरानी तेल टैंकरों में जाली इराकी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया था। ईरान के अंतर्राष्ट्रीय और वाणिज्यिक मामलों के उप तेल मंत्री अली-मोहम्मद मौसवी ने कहा कि रिपोर्ट, जिसमें इराकी तेल मंत्री हयान अब्देल-गनी के हवाले से कहा गया था कि अमेरिकी नौसेना बलों द्वारा पकड़े गए ईरानी तेल टैंकरों में इराकी ‘शिपिंग मैनिफेस्ट’ थे, झूठ है।

मंत्री ने ईरानी तेल मंत्रालय से संबद्ध शाना समाचार एजेंसी के साथ हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा कि ईरान ने तेल व्यापार संबंधों में सभी नियमों और मानदंडों के अनुपालन में अपना तेल बेचा। मौसवी ने कहा कि इराकी तेल मंत्री की टिप्पणी को अपूर्ण रूप से दर्शाया गया था और उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से यह दावा किया है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि अमेरिकी अधिकारियों का दावा “ईरानी राष्ट्र के खिलाफ निराधार आरोप लगाने और उस पर दबाव डालने की अवैध और अनुचित नीति” के अनुरूप था और इसका कोई आधार और विश्वसनीयता नहीं थी। 

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