धर्म

Alvida ki namaz 2025 :जुमातुल विदा की नमाज़ में बरसे आंसू, मुल्क में अमन के लिए हुईं दुआएं – Utkal Mail

Alvida ki namaz 2025 : पवित्र माह रमजान के अंतिम शुक्रवार जुमातुल विदा की नमाज़ अकीदत और एहतराम के साथ विभिन्न मस्जिदों में अदा की गई। इस मौके पर उमड़े रोजेदारों ने जहां मुल्क में अमन चैन की दुआएं मांगी वहीं रो रोकर बारगाहे इलाही में मगफरत के लिए हाथों को बुलंद किया। इस दौरान नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही और संवेदनशील और अति संवेदनशील इलाकों में ड्रोन कैमरे से निगरानी की गई। सभी चार तहसीलों के एसडीएम और 16 थानों की फोर्स लगातार भ्रमण करती रही।

नगर की जामा मस्जिद टाटशाह में पेश इमाम शहर काजी मौलाना शमशुल कमर कादरी ने नमाज पढ़ाई। इस दौरान अपने खुसूसी खुतबे में उन्होंने कहा कि इंसान की सबसे बड़ी दौलत ईमान और ईमानदारी है। उन्होंने कहा कि अगर आप ईमान रखते हैं तो सभी मजहब का आदर और सम्मान करते हैं और आपका सम्मान होता है। मौलाना ने कहा कि अल्लाह ने रमजान में रोजे रखने की बदौलत ईद का तोहफा दिया है, बेशक ईद मनाईए लेकिन आसपास देख लीजिए कोई जरूरतमंद तो नहीं है। अगर उसके पास ईद मनाने के लिए कुछ नहीं है तो आप का फर्ज है कि उसकी हर तरह से मदद करे। मौलाना ने कहा कि गंगा जमुनी तहजीब के शहर में होली के दिन जिस तरह से दोनों समुदाय ने एक दूसरे का सहयोग किया वह मिसाल है। उन्होंने कहा कि यह भाईचारा बना रहे इसके लिए हमेशा कोशिश करनी चाहिए। मौलाना ने कहा कि हर रोजेदार पर फितरा और जकात वाजिब है। ईद की नमाज से पहले इसे अदा किया जाना चाहिए। वहीं शिया जामा मस्जिद इमामबाड़ा जवाहर अली खां में प्रख्यात मौलाना पेश इमाम अहमद अली आब्दी ने नमाज पढ़ाई। उन्होंने अपने खुतबे के दौरान कहा कि आज कौम को नौजवानों की जरूरत है लेकिन अफसोस कि हमारे नौजवान दिन में दो दो बजे सो कर उठते हैं। उन्होंने कहा कि आपको दीन सोशल मीडिया और व्हाटसप से नहीं सीखना है सीखना है तो पवित्र कुरान मजीद मौजूद है।

कुरान मजीद से ही दीन सीखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ी जरूरत तालीम कि है। अपने बच्चों और कौम के जरुरतमंद लोगों के बच्चों को तालीम दिलाने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हर स्कूल में आपका एक एक बच्चा फर्स्ट आयेगा तो लोग कौम को इज्जत भरी नजरों से देखेंगे। उन्होंने कहा कि हम हर मौके पर नजर नियाज कराते हैं लेकिन जिनके नाम पर करा रहे हैं उनको बुलाने और याद करने का कोई एहतमाम नहीं करते हैं। मौलाना आब्दी ने कहा कि काम कीजिए, जो मेहनत से पैसा कमाया जाता है उसे अल्लाह कबूल फरमाता है। जुमातुल विदा की नमाज़ को लेकर नगर क्षेत्र में सभी मस्जिदों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही।

30 को दिखा चांद तो ईद 31 को, नहीं तो एक अप्रैल को मनाई जाएगी ईद                            
रमजान के अंतिम शुक्रवार को लेकर जामा मस्जिद टाटशाह के पेश इमाम शहर काजी मौलाना शमशुल कमर कादरी के मुताबिक अगर आगामी तीस मार्च को चांद दिख जाता है तो ईद का पर्व 31 मार्च सोमवार को मनाया जाएगा। यदि तीस मार्च को चांद नहीं दिखता तो ईद आगामी एक अप्रैल को मनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि कि चांद की तस्दीक होने पर ही ईद का ऐलान किया जाएगा। हालांकि ईद को लेकर अभी शिया समाज के उलेमा की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। बताया गया कि ईद का पर्व चांद के दीदार पर निर्भर करता है।

यह भी पढ़ें:- Ayodhya News: शम्भू और खनौरी बार्डर पर किसानों की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन, संयुक्त किसान मोर्चा ने सौंपा ज्ञापन


Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button