बिना मां के दर्शन के नहीं पूरी होती है विंध्याचल धाम की पूजा, मां बाराही देवी मंदिर में भक्तों का लगा तांता – Utkal Mail

Chaitra Navratri 2025: वासन्तिक चैत्र नवरात्रि में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ माता के दर्शन करने जौनपुर की पौराणिक शीतला माता चैकियां में उमड़ रही है। अगर किसी को मां विन्ध्यवासिनी का दर्शन करना है तो उसके पहले मां शीतला का दर्शन जरूरी है, उसके बाद ही मां विन्ध्यवासिनी के दर्शन का महत्व है।
लोगों की आस्था इस बात से भी देखी जा सकती है कि दिल्ली, मुम्बई जैसी जगहों से यहां पर दर्शन को खिंचे चले आते हैं। पूर्वांचल के लोगों की आस्था का केंद्र मां शीतला चौकिया धाम में यूं तो हर समय दर्शनार्थियों का आना-जाना लगा रहता है। नवरात्रि के अवसर पर यहां हजारों की संख्या में लोग अपनी मनोकामना लेकर माता के दर्शन को आते हैं। सुबह से ही भक्तों का सैलाब़ मां शीतला चैकिया के दर्शन को कतार लगाए खड़ा हो जाता है।
नवरात्रि के पहले दिन माता की एक झलक पाने के लिए लोग लालायित दिख रहे हैं। मां शीतला के भक्तों की श्रद्धा यहां तक है कि वे अपने बच्चों के मुन्डन संस्कार के लिए दिल्ली तक से खिंचे चले आते हैं, ऐसा कहा जाता है कि मां भक्तों को कभी खाली नहीं भेजती, लोग अपनी-अपनी मनोकामनाएं लेकर दरबार में आते हैं और उनकी सभी मुरादें पूरी होती हैं। हजारों साल पुराने इस पौराणिक मंदिर में हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
माता के दरबार में कढाई चढाते हैं और बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराते हैं, ऐसी मान्यता है कि मंदिर के पास बने तालाब में नहाने से कुष्ट जैसे रोग से छुटकारा मिल जाता है। माता के दर्शन कर लेने के बाद श्रद्धालुओं की आगे की यात्रा के सफल होने की गारन्टी हो जाती है, इसीलिए वाराणसी, सोनभद्र, बलिया, आजमगढ़, गाजीपुर, गोरखपुर जैसे पूर्वांचल के जिले से श्रद्धालु जब मां विन्ध्यवासिनी के दर्शन को निकलते हैं तो पहले माता शीतला के दर्शन कर के ही आगे बढ़ते हैं। मंदिर के पुजारी विनय तिवारी ने बताया कि नवरात्रि के दिनों में तो पूजा-पाठ और व्रत का खास महत्व है। मां शीतला के दर्शन के बिना जौनपुर और दूर-दराज के जिलों के श्रद्धालु अपनी भक्ति को पूर्ण नहीं पाते, ऐसी मान्यता है कि माता शीतला खुद से यहां निकली हैं, नवदुर्गा में यह सबसे छोटी बहन है।
मां बाराही देवी मंदिर में भक्तों का तांता
मां बाराही देवी मंदिर प्रांगण में चैत्र नवरात्रि के पर्व पर पहले दिन मां शैलपुत्री के रूप की भक्तों ने पूजा अर्चना की। सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है। आपको बता दें कि रविवार को चैत्र नवरात्र के अवसर पर लोगों ने सुबह शुभ मुहूर्त में घरों में कलश स्थापना कर मां शक्ति की विशेष आराधना कर सुख समृद्धि की कामना की। इसके साथ ही सुबह से ही क्षेत्र के अटेर गांव स्थित प्रसिद्ध सिद्ध पीठ मां बाराही देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर फल, माता की चुनरी, नारियल और मिठाई का भोग लगाया और श्रद्धालुओं ने दर्शन कर मन्नतें मांगी।
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