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सेलेबी की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, सुरक्षा को लेकर बहस के बाद फैसला सुरक्षित  – Utkal Mail

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुरक्षा मंजूरी निरस्त किए जाने के खिलाफ तुर्किये की कंपनी सेलेबी की ओर से दायर याचिकाओं पर शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने याचिकाकर्ताओं- सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सेलेबी डेल्ही कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड- की ओर से पेश वकीलों और केंद्र सरकार की दलीलें सुनीं। न्यायाधीश ने मामले से जुड़े पक्षों को सोमवार तक लिखित दलीलें पेश करने का निर्देश दिया। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने 15 मई को सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी। 

इससे कुछ दिन पहले तुर्किये ने पाकिस्तान का समर्थन किया था और पड़ोसी देश में आतंकवादी शिविरों पर भारत के हमलों की निंदा की थी। सेलेबी की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि केंद्र का कदम प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है और विमान सुरक्षा नियमों के तहत प्रक्रिया का उल्लंघन है। दूसरी ओर, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि विमानन सुरक्षा के लिए “अभूतपूर्व” खतरा था। 

उन्होंने कहा कि मंजूरी रद्द करने का निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया, क्योंकि ऐसी जानकारी मिली थी कि वर्तमान परिदृश्य में याचिकाकर्ता कंपनियों की सेवाएं जारी रखना खतरनाक होगा। सेलेबी भारतीय विमानन क्षेत्र में 15 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत है। 

कंपनी में 10,000 से अधिक लोग कार्यरत हैं। यह नौ हवाई अड्डों पर अपनी सेवाएं प्रदान करती है। बीसीएएस ने अपने आदेश में कहा, “…राष्ट्रीय सुरक्षा के हित को ध्यान में रखते हुए सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दी गई मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है।” कंपनी को सुरक्षा मंजूरी नवंबर 2022 में दी गई थी। सेलेबी की वेबसाइट के अनुसार, कंपनी भारत में सालाना लगभग 58,000 उड़ानें और 5,40,00 टन कार्गो का कामकाज देखती है। 

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