भारतीय टीम के 37वें टेस्ट कप्तान गिल की खास क्लब में हुई एंट्री, परिवार का योगदान और मेहनत आई रंग – Utkal Mail

नई दिल्ली। शुभमन गिल 20 जून को जब सफेद टी-शर्ट के ऊपर नीले (नेवी ब्लू) रंग के कोट में इंग्लैंड के लीड्स मैदान पर टॉस के लिए उतरेंगे तो उनके पिता लखविंदर सिंह गिल और दादा दीदार सिंह का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा क्योंकि उन्हें वर्षों की मेहनत का सुखद फल मिलेगा। लखविंदर ने जब शुभमन के क्रिकेट कौशल को देखकर भारत और पाकिस्तान की सीमा से महज 10 किलोमीटर दूर पंजाब के फाजिल्का जिले के अपने गांव चाख खेरा वाला से मोहाली जाने का फैसला किया तो उनके पास कोई दूसरी योजना नहीं थी। शुभमन उस समय नौ साल के थे। उन्होंने उस उम्र तक सिर्फ एक ही ‘खिलौना’ खेला था और वह था उनके दादा से मिला बल्ला।
गिल की कहानी अनुशासन, समर्पण और दृढ़ संकल्प का पालन करने के बारे में ही है। इसके साथ ही यह एक ऐसे ही पिता की कहानी है जो अपने बेटे को भारतीय टीम में पहुंचाने के लिह कुछ भी कर गुजरने को तैयार थे। शुभमन इंग्लैंड दौरे पर जब भारतीय टीम की अगुवाई करेंगे तो यह लखविंदर के पिछले 16 साल की मेहनत का परिणाम होगा। यह जरूरी नहीं कि खेल से जुड़ी सभी कहानियां सहानुभूति भरी हों। वे जज्बे, उत्कृष्टता के प्रति जुनून और वर्षों तक एक परिवार के रूप में किए गए त्याग की कहानियां भी हो सकती हैं। शुभमन के खेल में भटकने से रोकने के लिए परिवार कई वर्षों तक अपने ‘कम्फर्ट जोन’ (आरामदायक स्थिति) से दूर रहा।
इसके साथ ही उसने पारिवारिक समारोहों से दूर रहने का फैसला किया। शुभमन जब 2018 में अंडर-19 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ शतक लगाकर पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आए थे तब उनके पिता ने न्यूज़ एजेंसी से कहा था, ‘हमने सालों तक किसी शादी समारोह में भाग नहीं लिया था ताकि हमारे बेटे का ध्यान क्रिकेट पर नहीं भटके।’ इस बात में हालांकि कोई शक नहीं कि गिल के परिवार के पास शुरुआत से ही संसाधनों की कोई कमी नहीं थी। उनके दादा दीदार अपने फाजिल्का स्थित घर के विशाल आंगन में एक अस्थायी पिच बनवा सकते थे और पिता चार लोगों के परिवार को चंडीगढ़ ले जाने का जोखिम उठा सकते थे।
हालांकि गांव में उनके आरामदायक जीवन से बहुत दूर था। गिल की कहानी सही समय पर सही जगह पर होने और अपने काम को सही से अंजाम देने का एक बेहतरीन उदाहरण है। गिल के ख्वाबों को 2011 में उस समय उड़ान भरने का और बड़ा मौका मिला जब भारत के पूर्व तेज गेंदबाज करसन घावरी की नजर उन पर पड़ी। घावरी बीसीसीआई की मदद से पंजाब क्रिकेट संघ (पीसीए) के लिए आयोजित तेज गेंदबाजों की शिविर में गये थे। उन्हें वहां यह देखकर आश्चर्य हुआ कि कोई भी बल्लेबाज तेज गेंदबाजों के खिलाफ बढ़िया तकनीक से बल्लेबाजी नहीं कर रहा था।
घावरी इसके बाद अपने किसी सहायक के साथ पीसीए स्टेडियम के बाहर अंडर-14 स्तर का मैच देखने के लिए पहुंचे और वहां एक किशोर खिलाड़ी की तकनीक ने उन्हें काफी प्रभावित किया। वह उस लड़के के बारे में पता करने के लिए पास ही पेड़ की छाया में खड़े होकर पूरी प्रक्रिया को ध्यान से देख रहे एक व्यक्ति के पास पहुंचे और पूछा, ‘वह लड़का कौन है? कहां रहता है।?’ किसमत से वह लखविंदर थे जो अपने बेटे को बल्लेबाजी करते हुए देख रहे थे। लखविंदर ने कहा, ‘वह मेरा बेटा शुभमन है और वह 12 साल का है’ भारत के लिए 100 से ज्यादा विकेट लेने वाले घावरी ने इसके बाद उन्हें तेज गेंदबाजों का सामना करने के लिए शिविर में बुलाया।
इस शिविर में 12 साल का यह खिलाड़ी संदीप शर्मा जैसे तत्कालीन भारत के अंडर-19 तेज गेंदबाजों का डटकर सहजता से सामना करने में सफल रहा। घावरी की सिफारिश के बाद गिल को पंजाब अंडर-14 टीम में शामिल किया गया। भारतीय टीम जब 2018 दौरे के लिए इंग्लैंड जा रही थी जब एमएसके प्रसाद की चयन समिति ने टीम में अनमोलप्रीत सिंह को मौका देने का मन बनाया था लेकिन कोच राहुल द्रविड़ की अनुरोध पर गिल को चुना गया। प्रसाद ने कहा, ‘उस सत्र में अनमोलप्रीत ने शानदार बल्लेबाजी की थी और पांच में से एक चयनकर्ता किसी भी हाल में उन्हें टीम में चुनने की मांग कर रहे थे। उस समय द्रविड़ एनसीए और भारत ए टीम के कोच थे उन्होंने इंग्लैंड दौरे के लिए गिल को टीम में रखने की वकालत करते हुए अनमोलप्रीत को किसी और दौरे (ए टीम) पर भेजने की सलाह दी।’
प्रसाद ने कहा, ‘हम उनकी मांग को ठुकरा नहीं सके। शुभमन ने इसके कुछ महीने बाद अंडर 19 विश्व कप में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई।’’ अनमोलप्रीत के पास रन थे लेकिन शुभमन के पास तकनीक और दबाव को झेलने वाला स्वभाव था। इस खेल के शीर्ष स्तर पर इन दोनों की गिनती रनों के बराबर होती है। द्रविड़ ने कुछ खास देखा था और वह नहीं चाहते थे कि यह लड़का घरेलू क्रिकेट में ज्यादा समय तक टिका रहे।
उन्होंने ‘ए’ टीम की इंग्लैंड दौरे पर कुछ प्रभावी पारियां खेली लेकिन इसके एक साल बाद वेस्टइंडीज ‘ए’ के खिलाफ दोहरी शतकीय पारी खेलने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। टेस्ट मैचों में उनकी बल्लेबाजी में सुधार की काफी गुंजाइश है लेकिन उनकी कलाइयां लचीली हैं, शरीर मजबूत है और साथ ही उनका ‘स्टांस’ भी अच्छा है। उन्होंने एकदिवसीय में कुछ कमाल की पारियां खेली है। गिल भी कोहली की तरह सहजता से पुल और कवर-ड्राइव लगाते हैं।
उन्होंने घरेलू पिचों पर खुद को साबित किया है लेकिन इंग्लैंड में उनकी बल्लेबाजी की असली परीक्षा होगी। टीम के नेतृत्व की बात करें तो उन्होंने मौजूदा आईपीएल इस बात का संकेत है कि वे अपनी भूमिका में आगे बढ़ रहे हैं। गिल को कोच गंभीर के रहने से काफी फायदा होगा लेकिन उनका सफर आसान नहीं होगा। रोहित शर्मा और कोहली के संन्यास के बाद पूरे देश की उम्मीदों का भार उनके ऊपर होगा।
गिल पर दबाव लेकिन अनुभव से मिलेगी मदद
भारतीय क्रिकेट टीम के चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने नए टेस्ट कप्तान के रूप में शुभमन गिल के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बात की तो ‘बदलाव के दौर’ की चर्चा जोरों पर रही, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि इस स्टार बल्लेबाज में वह सब कुछ है जो इस ‘कठिन चुनौती’ से निपटने के लिए चाहिये।
अगरकर ने 20 जून से लीड्स में शुरू होने वाली पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए 18 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें ऋषभ पंत को उपकप्तान बनाया गया है। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों के इस प्रारूप से संन्यास लेने के बाद यह देश का पहला टेस्ट मैच होगा।
अगरकर ने टीम चयन के लिए बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ यह चुनौतीपूर्ण श्रृंखला होगी। आप इसे जिस भी तरह से देखें यह कठिन होने वाला है। इससे मिलने वाला अनुभव टीम को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘गिल फ्रेंचाइजी क्रिकेट में इस भूमिका का लुत्फ उठा रहे हैं। यह स्पष्ट रूप से बहुत कठिन होने वाला है। लेकिन ये उस तरह की चुनौतियां हैं जिनका सामना आपको अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते समय करना पड़ता है।’ कोहली और रोहित दोनों ने टीम की घोषणा से पहले ही संन्यास ले लिया था।
अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच में ही संन्यास ले लिया था। तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को उनकी फिटनेस समस्याओं के कारण टीम में नहीं चुना गया। अगरकर ने भरोसा जताया कि 25 वर्षीय गिल में भारतीय टेस्ट टीम को आगे ले जाने की क्षमता है। उन्होंने कहा, ‘यह एक बड़ी जिम्मेदारी है। यह एक बड़ा बदलाव है। आपके दो बड़े खिलाड़ी संन्यास ले चुके हैं। लेकिन हम सभी को पूरा भरोसा है कि वह हमें आगे ले जाने वाला खिलाड़ी है और उम्मीद है कि समय के साथ यह साबित भी होगा। वह एक शानदार खिलाड़ी है और हम सभी को उससे बहुत उम्मीद है।’
अगरकर ने कहा, ‘यह एक बड़ा बदलाव है। रोहित (पहले से ही) काफी समय से टीम में है। विराट उनसे पहले से टीम का हिस्सा थे। यह एक नए चक्र की शुरुआत है और अनुभव से ही मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘आप एक या दो दौरों के लिए कप्तान नहीं चुनते। आप किसी ऐसी चीज में निवेश करने की कोशिश करना चाहते हैं जो हमें आगे बढ़ने में मदद करे। हमें उम्मीद थी कि यह सही फैसला होगा। हमने पिछले साल के दौरान उनके साथ कुछ प्रगति देखी है।’ उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला (टीम का नेतृत्व करना) में यह काफी मुश्किल होने वाला है। शायद आपको अनुभव के साथ काफी कुछ सीखने को मिले लेकिन हमें उनकी काबिलियत पर भरोसा है और इसलिए उनका चयन किया गया है।’
गिल का 32 टेस्ट मैचों में बल्लेबाजी औसत 35 से कुछ ज्यादा है लेकिन एक पुरानी कहावत है कि कप्तान को अपने प्रदर्शन से टीम का मार्गदर्शन करना होता है और गिल से ऐसी ही उम्मीद होगी। अगरकर ने कहा कि वह गिल के आंकड़े पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इंग्लैंड में हर किसी की परीक्षा होगी। मुझे नहीं लगता कि कोई भी बल्लेबाज घर जैसा महसूस करेगा। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी ऐसी ही स्थिति थी। ये दौरे के लिए कठिन जगह हैं लेकिन हमें पूरा भरोसा है कि वह अच्छा प्रदर्शन करेगा।’
उन्होंने कहा, ‘जहां तक उसकी बल्लेबाजी का सवाल है, कम से कम हमारी तरफ से तो कोई वास्तविक समस्या नहीं है। उम्मीद है कि वह कप्तान के तौर पर और बेहतर प्रदर्शन करेगा।’ उन्होंने सकारात्मक होते हुए कहा, ‘‘आप इसे बोझ की तरह देख सकते है या आप इसे सकारात्मक रूप से देख सकते हैं। सकारात्मक रूप से देखेंगे तो यह बेहतर करने के लिए प्रेरित कर सकता है।’
रोहित जब ऑस्ट्रेलिया में कप्तानी के लिए उपलब्ध नहीं थे, तब जसप्रीत बुमराह को टीम की अगुवाई के लिए चुना गया था लेकिन अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति के लिए उपकप्तान के लिए पंत आदर्श विकल्प बनकर उभरे क्योंकि बुमराह के लिए इंग्लैंड में सभी पांच टेस्ट मैच खेलना काफी मुश्किल होगा। अगरकर ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि पिछले चार-पांच साल में वह टेस्ट क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक रहे हैं।
उन्हें 40 से ज्यादा टेस्ट मैचों का अनुभव है। विकेटकीपर के तौर पर वह हमेशा स्टंप के पीछे से मैच की स्थिति पर नजर रख सकते हैं। ’’ अगरकर ने कहा, ‘‘(उनके पास) इस समय अनुभव है। इसलिए वह शुभमन के सहायक हैं और अपने अनुभव से उनकी मदद कर सकते हैं। वह एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं। आप निश्चित रूप से ऐसे खिलाड़ियों की तलाश कर रहे हैं जो अगले कुछ साल में टीम को आगे ले जा सकें। इस समय, हमें लगता है कि ये दोनों खिलाड़ी ऐसा कर सकते हैं।
मांजरेकर ने कहा, अजीब चयन
भारत के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने शनिवार को इंग्लैंड दौरे के लिए भारत की 18 सदस्यीय टेस्ट टीम को ‘अजीब’ करार दिया लेकिन लेकिन नवनियुक्त टेस्ट कप्तान शुभमन गिल के प्रति धैर्य भरा रवैया अपनाने की बात कही। भारत 20 जून से इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट खेलेगा और बल्लेबाजी स्टार गिल को शीर्ष स्टार रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास के बाद टीम का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है।
पूर्व बल्लेबाज मांजरेकर ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर अपनी टिप्पणी का कारण बताए बिना लिखा, ‘‘कुल मिलाकर टीम का अजीब चयन। लेकिन भारत के पास इंग्लैंड में कुछ भी खोने के लिए नहीं है। यह बदलाव के दौर से गुजर रही टीम है इसलिए हम सिर्फ शुभकामनाएं दे सकते हैं और जब निवेश पर लाभ (रिर्टन्स) की बात आती है तो सयंम रखें। ’’ बाएं हाथ के साई सुदर्शन और अनुभवी करुण नायर को रोहित और कोहली की जगह टीम में शामिल किया गया है जबकि बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह को भी पहली बार टेस्ट टीम में शामिल किया गया है।
कई बड़े खिलाड़ियों ने शुभमन को बधाई दी
टीम को बधाई देते हुए पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने लिखा, ‘साई सुदर्शन, अर्शदीप सिंह, करुण नायर को पारंपरिक प्रारूप और इंग्लैंड के चुनौतीपूर्ण दौरे के लिए चुने जाने पर बहुत बधाई।’
उन्होंने लिखा, ‘शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट कप्तान नियुक्त किए जाने पर बधाई। लेकिन निश्चित रूप से टीम इंडिया को उन परिस्थितियों में मोहम्मद शमी की गेंदबाजी की कमी खलेगी।’
पच्चीस साल की उम्र में वे इन खिलाड़ियों के बाद
पच्चीस साल की उम्र में गिल, मंसूर अली खान पटौदी (21), सचिन तेंदुलकर (23), कपिल देव (24) और रवि शास्त्री (25) के बाद भारत के पांचवें सबसे युवा टेस्ट कप्तान होंगे। भारत के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने लिखा, ‘‘बधाई हो शुभमन गिल। इंग्लैंड में शुभकामनाएं।’
आईपीएल फ्रेंचाइजी ने भी सोशल मीडिया पर गिल को दी बधाई
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने ट्वीट किया, ‘शुभमन गिल और ऋषभ पंत को बधाई। यह आपके लिए सबसे ज्यादा चमकने का समय है। आगे बढ़िए, अपनी विरासत का निर्माण कीजिए और सपनों को हकीकत में बदलिए।’
चेन्नई सुपर किंग्स ने लिखा, ‘अगली पीढ़ी से लेकर अगले कप्तान तक। शुभमन गिल ने भारत को टेस्ट क्रिकेट में एक नए अध्याय की ओर अग्रसर किया।’
गिल की आईपीएल फ्रेंचाइजी गुजरात टाइटन्स ने भी उन्हें बधाई दी, ‘एक नए टेस्ट युग का आरंभ। हमारा कप्तान अब ‘टीम इंडिया’ का टेस्ट कप्तान होगा।
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