छत्तीसगढ़ के मंत्रियों का ‘चिंतन शिविर’ शुरू, मुख्यमंत्री साय और अन्य कैबिनेट मंत्री हुए शामिल – Utkal Mail

रायपुर। छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल के सदस्यों के लिए दूसरा ‘चिंतन शिविर’ रविवार को भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आईआईएम) रायपुर में शुरू हुआ जिसका उद्देश्य 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए रणनीति तैयार करना और राज्य के कामकाज में प्रबंधन की नवीनतम तकनीकों को शामिल करना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनके कैबिनेट सहयोगी कार्यक्रम में मौजूद रहे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि ‘‘सुशासन से चुनाव तक’’ विषय पर समर्पित एक सत्र और बस्तर जैसे क्षेत्रों में जारी परिवर्तन चर्चा के केंद्र में रहने वाले प्रमुख मुद्दों में शामिल हैं। दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर 2.0’ राज्य के सुशासन और अभिसरण विभाग द्वारा आईआईएम रायपुर के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
पहला ‘चिंतन शिविर’ पिछले साल मई में आयोजित किया गया था। सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘एक अनूठी पहल के तहत ‘चिंतन शिविर 2.0’ रविवार को आईआईएम रायपुर परिसर में शुरू हुआ जो 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण में योगदान देने की दिशा में छत्तीसगढ़ के सफर में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
विज्ञप्ति में कहा गया कि यह कोई साधारण सरकारी बैठक नहीं है, यह एक विचारशील मंच है जहां राज्य के सभी मंत्री अपने अनुभव, सीखे गए सबक और जमीनी हकीकत से जुड़ी कहानियों को साझा करने के लिए एक साथ आ रहे हैं। इसमें कहा गया, ‘‘मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में आयोजित दो दिवसीय शिविर, विशेष रूप से मंत्रियों के लिए पिछले डेढ़ साल के अपने कार्यकाल पर आत्मचिंतन करने और भविष्य के लिए एक सामूहिक मार्ग प्रशस्त करने के लिए आयोजित किया गया है।’’
विज्ञप्ति में कहा गया कि कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य न केवल पिछले काम की समीक्षा करना है, बल्कि 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में छत्तीसगढ़ की स्पष्ट और प्रभावशाली भूमिका को परिभाषित करना है। इसमें कहा गया, ‘‘प्रत्येक मंत्री अपने विभाग में किए गए नवाचारों, जन सेवा के माध्यम से मिले सबक और आगे की अपनी योजना प्रस्तुत करेंगे। सेवा, संकल्प और सीख के मुख्य विषयों पर केंद्रित विशेष सत्र भी कार्यक्रम का हिस्सा हैं।’’
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘इसके अलावा, मुख्यमंत्री दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी हाल की बैठकों के दौरान प्राप्त अंतर्दृष्टि और मार्गदर्शन को साझा करेंगे, ताकि केंद्र और राज्य सरकार की रणनीतियों के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित किया जा सके।’’