सुप्रीम कोर्ट में याचिका के बाद झारखंड की महिला न्यायाधीश को मिली छुट्टी, जानिए पूरा मामला – Utkal Mail

नई दिल्ली। शिशु देखभाल अवकाश के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाली झारखंड की एक महिला न्यायाधीश को वहां के उच्च न्यायालय ने 92 दिनों की छुट्टी मंजूर कर दी है।
न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति मनमोहन की अंशकालीन कार्य दिवस पीठ से याचिकाकर्ता महिला न्यायाधीश के अधिवक्ता ने छुट्टी की मंजूरी से संबंधित जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें आंशिक राहत दी गई है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से मांगी गई छुट्टी की अवधि से काफी कम मंजूर की गई।
पीठ के समक्ष अधिवक्ता ने बताया कि शिशु देखभाल अवकाश मंजूर कर उच्च न्यायालय ने उन्हें आंशिक राहत दी है। उन्होंने कहा, “मुझे (याचिकाकर्ता) 92 दिनों की छुट्टी दी गई है। मैंने 194 दिनों की छुट्टी के लिए आवेदन किया था।” झारखंड उच्च न्यायालय (प्रशासनिक पक्ष) की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार सिन्हा ने दलील देते हुए कहा, “शीर्ष अदालत के छह जून के आदेश का सम्मान करते हुए हमने (उच्च न्यायालय) पहले ही छुट्टी दे दी है। इससे उन्हें खुशी होनी चाहिए। पूरे कार्यकाल के लिए कुल स्वीकृत छुट्टी 720 दिन है। अगर न्यायाधीश लगातार छुट्टी पर जाते हैं, तो इससे मामलों के निपटान में बाधा आती है।”
शीर्ष अदालत ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि पहले से स्वीकृत 92 दिन की छुट्टी जारी रह सकती है। अदालत ने कहा, “उन्हें 92 दिन की छुट्टी जारी रखने दें। इस बीच, उन्हें (उच्च न्यायालय को) जवाबी हलफनामा दाखिल करने दें।” शीर्ष अदालत ने कहा कि यह जवाब चार सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाना चाहिए। इस मामले में अगली सुनवाई अगस्त के पहले सप्ताह में होगी। याचिकाकर्ता अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने झारखंड उच्च न्यायालय के छुट्टी देने से इनकार किए जाने वाले आदेश को शीर्ष अदालत के समक्ष चुनौती दी है। शीर्ष अदालत ने 29 मई को उच्च न्यायालय से कहा था कि वह याचिकाकर्ता की छुट्टी के आवेदन पर पुनर्विचार करे।
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