ज्येष्ठ अष्टमी: ह्यूस्टन में कश्मीरी हिंदुओं ने हर्षोल्लास के साथ मनाया पर्व, मां रागन्या देवी की भक्ति में डूबे लोग – Utkal Mail

आध्यात्मिक महत्व और सांस्कृतिक जुड़ाव
ह्यूस्टन में 35 वर्षों से अधिक समय से निवास कर रहे सुरेंद्र कौल ने नई पीढ़ी को इस पर्व के आध्यात्मिक महत्व को समझाया। उन्होंने कहा, “यह परंपरा हमारी आत्मा से जुड़ी है। ये रीति-रिवाज हमें उस मातृभूमि की याद दिलाते हैं, जिसे हमने हिंसा और भय के कारण छोड़ दिया।”
कश्मीरी संस्कृति का संरक्षण
‘टेक्सास कश्मीरी बिरादरी’ के अध्यक्ष अमित रैना ने कहा, “ज्येष्ठ अष्टमी केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि हमारी आस्था का प्रतीक है। इन त्योहारों के माध्यम से हम कश्मीर की संस्कृति को जीवित रखते हैं और अपने बच्चों को उनकी जड़ों से जोड़ते हैं। फिर भी, घर लौटने की चाह एक ऐसा दर्द है, जो हम हर दिन महसूस करते हैं।”
युवा पीढ़ी का उत्साह
कार्यक्रम में बच्चों ने गजल गायन और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया, जो उनकी परंपराओं के प्रति गहरे लगाव को दर्शाता है। एक किशोर ने भावुक होकर कहा, “मैं कभी कश्मीर नहीं गया, लेकिन ऐसा लगता है कि मेरा एक हिस्सा वहां है।”
शोक और संवेदना
इस अवसर पर अहमदाबाद में हाल ही में हुई एयर इंडिया विमान दुर्घटना में मारे गए लोगों के प्रति शोक व्यक्त करने के लिए कुछ समय के लिए मौन रखा गया।