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जाति जनगणना पर रार: सांसद डॉ. सुधांशु बोले- ‘भाजपा का इरादा सभी जातियों का सम्मान, कांग्रेस का मकसद सब जातियों में घमासान’ – Utkal Mail

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है और कहा है कि कांग्रेस का जातीय गणना का उद्देश्य परिवार का उत्थान एवं जातियों में घमासान है जबकि भाजपा का इरादा सभी जातियों के सम्मान और पिछड़ी जातियों का उत्थान है।

 भाजपा के प्रवक्ता एवं सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने आज यहां पार्टी के केन्द्रीय कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा, “कांग्रेस पार्टी को हाल ही में सैटेलाइट फिल्मों में दिखाए जाने के बाद भी पाकिस्तान के एयरबेसों की तबाही नजर नहीं आई। उन्हें नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की अधिसूचना में मजहबी उत्पीड़न शब्द नजर नहीं आया था। इसी दृष्टिदोष के चलते कांग्रेस को इस बार भी चीजें नजर नहीं आईं।” 

उन्होंने कहा कि धुंधली दृष्टि या शायद जानबूझकर विकृत दृष्टिकोण के कारण कांग्रेस यह समझने में असमर्थ है कि स्पष्ट और स्पष्ट रूप से क्या समझाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने जनगणना कराने का फैसला किया है। कहा गया है कि सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना कराई जाएगी। इसके बावजूद, कांग्रेस जाति जनगणना पर सरकार की स्थिति के बारे में जानबूझकर जनता को गुमराह कर रही है।

इतने वर्षों तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस को तकनीकी पहलू पर, कम से कम संवैधानिक और कानूनी ढांचे को समझना चाहिए। उन्हें पता होना चाहिए कि जाति जनगणना कराना केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, राज्यों के नहीं। तो, वे किस तरह की ‘जनगणना’ की बात कर रहे हैं? राज्यों को केवल सर्वेक्षण करने की अनुमति है, आधिकारिक जनगणना नहीं। कांग्रेस तेलंगाना का उदाहरण दे रही है, लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि वहां जो किया जा रहा है वह सर्वेक्षण है, जनगणना नहीं। 

डॉ. त्रिवेदी ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने भारत की जनगणना कराने का निर्णय लिया, और इसके बाद जो भी प्रेस विज्ञप्ति जारी हुई, उसमें स्पष्ट रुप से कहा गया कि जनगणना के साथ सामाजिक, आर्थिक मूल्यांकन होगा और जाति जनगणना स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार होगी।

लेकिन वो पार्टी, जिसने 1951 में स्वतंत्र भारत में जातिगण जनगणना को रुकवाने का काम किया था। जिन्होंने पिछड़ों के हक को मारने के लिए काका कालेलकर की रिपोर्ट को नहीं लागू होने दिया था, आज वो अचानक जो कहने का प्रयास करते हैं और जो लिखा हुआ है वो नहीं पढ़ पाते हैं, तो उनकी राजनीति का तत्व सामने आ जाता है।” 

पार्टी प्रवक्ता ने कहा, “भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार का विचार है— सबका विश्वास, सबका प्रयास। इसलिए हमारी सरकार जिस विषय को लेकर सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण और जातिगण जनगणना करवाना चाह रही है उसका उद्देश्य है- सभी जातियों की पहचान, सभी जातियों का सम्मान और पिछड़े छोर पर खड़ी जातियों का उत्थान। लेकिन कांग्रेस और इंडी गठबंधन का उद्देश्य है- केवल अपने अपने परिवार उत्थान और सभी जातियों में घमासान।” 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “आज देश में सबसे ज़्यादा ओबीसी मंत्री मोदी सरकार में हैं। मैं पूछना चाहता हूँ कि तेलंगाना सरकार में कितने ओबीसी मंत्री हैं? 2014 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में कितने ओबीसी मंत्री थे? पूरे मंत्रिमंडल में बमुश्किल दो या तीन।” 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा ‘परिवार पहले’ की नीति पर चलती आई है। और अब, जब वे जनता का भरोसा खोते जा रहे हैं, तो वे असली मुद्दों को संबोधित करने के बजाय लोगों को गुमराह करने का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना की अधिसूचना केंद्र सरकार जारी करती है, राज्य सरकार जातिगत जनगणना कर ही नहीं सकती है, तो आप (कांग्रेस) किस राज्य की अधिसूचना को दिखा रहे हैं। 

राज्य सिर्फ सर्वेक्षण कर सकती है। सर्वेक्षण को अधिसूचित करने की प्रक्रिया अलग है। ये स्वयं (कांग्रेस) जिस तेलंगाना राज्य का उदाहरण दे रहे हैं, पहली बात तो वहां सर्वेक्षण हो रहा है, जनगणना नहीं। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव के बारे में एक सवाल के जवाब में डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि श्री यादव को बताना चाहिए कि उनकी जाति की संख्या कितनी है। 

दरअसल लालू यादव ने अपनी जाति के नाम पर वोट तो लिये लेकिन अपनी उस जाति के किसी योग्य नेता को सत्ता नहीं दी। सत्ता देने की बारी आयी तो पत्नी, साला, पुत्र, दूसरा पुत्र और पुत्रियां ही नज़र आयीं। इसी प्रकार से समाजवादी पार्टी के नेता धरतीपुत्र मुलायम सिंह यादव ने सत्ता अपने भाई तक को नहीं सौंपी बल्कि अपने पुत्र को ही दी। 

उन्होंने कहा कि ये जातिवादी नेता दरअसल अपने परिवार के लिए सत्ता हासिल करने के लिए जातिवादी राजनीति करते हैं। भाजपा प्रवक्ता ने श्री लालू प्रसाद यादव के पैरों में डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र को रखे जाने की भर्त्सना की।  


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