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Iran-Israel War: ईरान में फंसे भारतीय छात्रों को स्वदेश वापसी का इंतजार, कुछ को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया – Utkal Mail

नई दिल्ली। ईरान के ‘तेहरान चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय’ में भारतीय छात्रा मेहरीन जफर हवाई हमले के सायरन की आवाजों और बिजली गुल हो जाने के बीच डर के साये में जी रही है। वह उन 70 से अधिक भारतीय विद्यार्थियों में एक है जो ईरान से निकाले जाने का इंतजार कर रहे हैं। फिलहाल ईरान और इजराइल के साथ भीषण सैन्य संघर्ष चल रहा है। 

मेहरीन ने सहमी हुई आवाज में कहा, ‘‘ईरान में ब्लैक अलर्ट जारी है। हमें नहीं पता कि क्या हो रहा है। हमें सुरक्षा कारणों से बेसमेंट में रखा गया है, लेकिन हम डरे हुए हैं।’’ उसने कहा,‘‘चूंकि इंटरनेट सेवा कमजोर है, इसलिए हम अपने परिवार के सदस्यों से भी संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। घर पर, वे हमारी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।’’ 

ईरान की राजधानी तेहरान में रह रही एमबीबीएस के तीसरे वर्ष की इस छात्रा ने कहा कि यह एक ‘भयावह’ स्थिति है। मेहरीन ने कहा, ‘‘हम मदद के लिए पुकार रहे हैं, लेकिन हमें कुछ नहीं मिला। हमें कुछ भी पता नहीं है। हम चाहते हैं कि हमें यहां से निकाला जाए।’’ उसने कहा,‘‘हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूरी उम्मीद है और हमें मदद की ज़रूरत है। हम ऐसे नहीं रह सकते।’’ 

‘केरमान चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय’ के 21 वर्षीय छात्र फैजान नबी ने कहा कि उसने अपना सामान पैक करना शुरू कर दिया है। उसने कहा, ‘‘यहां (केरमान) स्थिति तेहरान जितनी खराब नहीं है। लेकिन अब भी डर बना हुआ है। हमें उम्मीद है कि हमें जल्द ही किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाएगा।’’ 

हालांकि ‘उर्मिया चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय’ के छात्र हुजैफ मलिक उन विद्यार्थियों में से एक थे जिन्हें भारतीय अधिकारियों ने आर्मेनिया पहुंचाया है। उसने कहा, ‘‘हम उर्मिया में थे जो अपेक्षाकृत सुरक्षित था। हम आर्मेनिया पहुंच गए हैं।’’ 

इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, तेहरान से भारतीय विद्यार्थियों को निकाल लिया गया है। उनमें से 110 दूतावास द्वारा की गई व्यवस्था के माध्यम से सीमा पार करके आर्मेनिया पहुंच गए हैं। जम्मू-कश्मीर छात्र संघ के अनुसार, ईरान-आर्मेनिया सीमा पार करने वाले सभी भारतीय विद्यार्थी अब सुरक्षित रूप से राजधानी येरेवन पहुंच गए हैं। उन्हें उनके निर्धारित स्थान पर होटलों में ठहराया गया है। 

संघ ने कहा कि आर्मेनिया से दिल्ली के लिए उनकी उड़ान बुधवार को निर्धारित है, भारतीय अधिकारियों के साथ समन्वय में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय दूतावास सभी संभव सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से समुदाय के साथ निरंतर संपर्क में है। 


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