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एंटी-रैगिंग मानदंडों का पालन न करने पर UGC का बड़ा एक्शन, चार IIT और तीन IIM को घोषित किया ‘डिफॉल्टर’ – Utkal Mail

नई दिल्ली। रैगिंग रोकथाम नियमों का पालन न करने के कारण चार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और तीन भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ‘गैर-अनुपालक’ सूची में शामिल किया है। यूजीसी अधिकारियों ने बताया कि देशभर के 89 संस्थानों को रैगिंग-रोधी नियमों के तहत अनिवार्य शपथ पत्र जमा न करने के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा गया है।

इस सूची में 17 राष्ट्रीय महत्व के संस्थान शामिल हैं, जिनमें आईआईटी, आईआईएम, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) जैसे प्रमुख नाम हैं। गैर-अनुपालक आईआईटी में आईआईटी मुंबई, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी पलक्कड़ और आईआईटी हैदराबाद शामिल हैं। वहीं, आईआईएम मुंबई, आईआईएम रोहतक और आईआईएम तिरुचिरापल्ली भी इस सूची का हिस्सा हैं।

इसके अतिरिक्त, एम्स रायबरेली, एनआईडी-दिल्ली, एनआईडी-आंध्र प्रदेश और एनआईडी-हरियाणा भी गैर-अनुपालक संस्थानों में शामिल हैं। यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने कहा, “यूजीसी ने बार-बार परामर्श जारी किए, रैगिंग-रोधी हेल्पलाइन के माध्यम से सूचनाएं दीं और निगरानी एजेंसी के हस्तक्षेप के बावजूद, ये संस्थान छात्रों और संस्थानों के अनिवार्य शपथ पत्र जमा करने में असफल रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “रैगिंग पर यूजीसी विनियम, 2009 का अनुपालन सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए अनिवार्य है। इसका उल्लंघन न केवल यूजीसी के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह छात्रों की सुरक्षा को भी खतरे में डालता है, खासकर रैगिंग से जुड़े तनाव और परिसर में शत्रुतापूर्ण माहौल की बढ़ती शिकायतों के संदर्भ में।”

यूजीसी ने चेतावनी दी है कि यदि 30 दिनों के भीतर नियमों का पालन नहीं किया गया, तो अनुदान और वित्तीय सहायता वापस ली जा सकती है, जिससे शोध परियोजनाओं और वित्तीय सहायता पर असर पड़ेगा। साथ ही, ऐसे संस्थानों की मान्यता रद्द की जा सकती है या उनकी संबद्धता समाप्त की जा सकती है।

‘गैर-अनुपालक’ सूची में राष्ट्रीय औषधि शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईपीईआर), हैदराबाद; अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू); नालंदा विश्वविद्यालय; इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) और भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता जैसे अन्य प्रमुख संस्थान भी शामिल हैं। रैगिंग-रोधी विनियम, 2009 के अनुसार, प्रत्येक छात्र, उनके माता-पिता और अभिभावकों को प्रवेश के समय और प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में रैगिंग-रोधी शपथ पत्र जमा करना अनिवार्य है।

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