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Mangal Dosh Ke Upay: ये आसान से मंत्र दिला सकते हैं मंगल दोष से मुक्ति, जान लें नियम – Utkal Mail


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह शक्ति ऊर्जा साहस और पराक्रम का कारक माना जाता है। कुंडली में मंगल के कमजोर होने पर व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। वहीं कुछ आसान मंत्रों के उच्चारण द्वारा मंगल के अशुभ प्रभावों से मुक्ति पाई जा सकती है। आइए जानते हैं उन मंत्रों के विषय में। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल की स्थिति मजबूत होने पर कई लाभ मिलते हैं। मंगल के मजबूत होने पर व्यक्ति को करियर के क्षेत्र में शुभ फल मिलते हैं। मंगल का स्वभाव क्रोधी माना गया है, लेकिन जब मंगल ग्रह प्रसन्न और मजबूत होता है तो वो अपनी राशियों पर जमकर कृपा बरसाता है। यदि आप भी अपनी कुंडली में मंगल ग्रह को मजबूर करना चाहते हैं तो इन मंत्रों का जाप करना लाभदायक होगा।

ये होते हैं प्रभाव

वैदिक ज्योतिष के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के कुंडली में मंगल पहले, चौथे, सातवें और बारवें भाव में विराजमान है तो इससे कुंडली में मंगल दोष का निर्माण होता है। जिसके कारण व्यक्ति का विवाह होने में समस्याएं उत्पन्न होती हैं। साथ ही इससे वैवाहिक जीवन में भी परेशानियां बनी रहती हैं। कुंडली में मंगल दोष होने पर संतान प्राप्ति में भी बाधा आती है।

मंगल के लिए वैदिक मंत्र

ॐ अग्निमूर्धादिव: ककुत्पति: पृथिव्यअयम। अपा रेता सिजिन्नवति ।”

मंगल के लिए तांत्रोक्त मंत्र

“ॐ हां हंस: खं ख:”

“ॐ हूं श्रीं मंगलाय नम:”

“ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:”

मंगल का नाम मंत्र

“ॐ अं अंगारकाय नम:”

“ॐ भौं भौमाय नम:”

मंगल गायत्री मंत्र

“ॐ क्षिति पुत्राय विदमहे लोहितांगाय धीमहि-तन्नो भौम: प्रचोदयात”

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्

ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।




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