टेक्नोलॉजी

Online Fraud: व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़कर खाते से उड़ाए 4.70 लाख, कैसे करें बचाव – Utkal Mail

लखनऊ, अमृत विचार: हर दिन कोई न कोई ऑनलाइन फ्रॉर्ड  का शिकार हो रहा है। लाख अवेयरनेस के बाद भी लोग ठगों के लुभावने ऑफर के चक्कर में फंस जाते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ मड़ियांव के केशवनगर निवासी डी. मणिकंडम के साथ। ऑन लाइन ट्रेडिंग के नाम पर व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा। इसके बाद 4.70 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित ने इस मामले में मड़ियांव थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

दिया ट्रेडिंग का झांसा
केशवनगर मड़ियांव के रहने वाले डी. मणिकंडम ऑनलाइन ट्रेडिंग का काम करते हैं। उनका संपर्क व्हाट्सएप के जरिए कुछ लोगों से हुआ। उन्होंने एक ग्रुप में जुड़वाया। यहां मोटे मुनाफे का प्रलोभन देकर अल्पॉक्सिक्स प्रो नाम का एप डाउनलोड कराया गया। फिर 5 हजार रुपए ट्रेडिंग के लिए जमा कराया। इसका मुनाफा खाते में वापस भेजा। धीरे-धीरे उन्होंने 4.70 लाख रुपये निवेश कर दिए। बड़ी रकम खाते में आते ही जालसाजों ने मुनाफा देना बंद कर दिया। इसके बाद पैसा वापस करने के लिए 20 हजार और जमा कराए। बाद में पैसा देने से मुकर गए।

ट्रेडिंग के लिए व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े
डी. मणिकंडन ने बताया कि उनके पास एक व्हाट्सएप ग्रुप का लिंक आया था। इसका नाम जोनाथन साइमन इंस्टीट्यूशनल स्ट्रेटेगिस्ट सेंटर था। ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के लिए हम ग्रुप में शामिल हो गए और एप डाउनलोड कर लिया। पहली बार जनवरी से लेकर अब तक ट्रेडिंग के लिए अलग-अलग खातों में पैसा जमा कराया गया था। जब पैसा वापस मांगा तो पैसा वापस मिल गया। इसके बाद अलग-अलग बैंकों में 4.70 लाख रुपए जमा कराए गए थे। रुपये वापस करने के लिए कहा तो ग्रुप में कोई जवाब नहीं आया। कुछ समय बाद एप्लीकेशन भी बंद हो गया। जिस मोबाइल नंबर बातचीत होती थी, उसे भी बंद कर दिया। प्रभारी निरीक्षक मड़ियांव शिवानंद मिश्रा के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है।

कैसे करें बचाव

ऑनलाइन फ्रॉर्ड से बच पाना काफी मुश्किल है। डिजिटल एरा में लोगों का मोबाइल नंबर हर जगह लिंक होता है। ऐसे में ठगों के लिए लोगों को अपना शिकार बनाना काफी आसान हो गया है। ठग मोबाइल नंबर लेकर लोगों को अपने मन अनुसार किसी भी ग्रुप में एड कर देते हैं और कई तरह के लुभावने ऑफर देकर मासूम लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाते हैं। ऐसे में कुछ बातों पर ध्यान रखना काफी जरुरी है। जैसे कि अगर आपको किसी भी अनजान ग्रुप में जोड़ा जाए तो तुरंत उससे एग्जिट कर जाए और साथ ही ग्रुप की रिपोर्ट भी कर दें। उत्साहित होकर किसी भी तरह के लिंक पर क्लिक न करें। 

यह भी पढ़ेः हमने नीट-यूजी परीक्षा रद्द नहीं की क्योंकि इसमें शुचिता का उल्लंघन नहीं पाया गया: उच्चतम न्यायालय


Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button