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स्टार नाइट में शामिल हुए राजपाल यादव, बोले- अभी मेरा सर्वश्रेष्ठ डायलॉग आना बाकी – Utkal Mail

बरेली, अमृत विचार: मेरी 150 हिंदी फिल्मों में अभी मेरा ऐसा कोई डायलॉग नहीं जिसे मैं सर्वश्रेष्ठ कहूं। ऐसे में यही कहूंगा कि मेरा सर्वश्रेष्ठ डायलॉग आना अभी बाकी है। ये कहना है हिन्दी फिल्मों के बेहतरीन हास्य अभिनेता राजपाल यादव का। 

वह पवन बिहार निवासी वरिष्ठ लेखक सुधीर विद्यार्थी के आवास पर शनिवार शाम “अमृत विचार” से वार्ता कर रहे थे। शाहजहांपुर जिले के गांवकुंडरा बण्डा के निवासी राजपाल ने भारतेन्दु नाट्य अकादमी लखनऊ और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, दिल्ली से अभिनय की पढ़ाई की है।

1999 में दिल क्या करे फिल्म से उन्होंने अभिनय की शुरुआत की थी। इसके बाद प्यार तूने क्या किया, जिंदगी का सफर और तुमको न भूल पाएंगे जैसी फ़िल्मों में काम करके एक हास्य अभिनेता के रूप में स्थापित हो गए। रामा रामा क्या है ड्रामा फ़िल्म में उन्होंने मुख्य अभिनेता का किरदार निभाया था। उन्होंने लगभग 150 से अधिक फिल्मों में काम किया है। आइए जानते हैं विभिन्न मुद्दों पर उनके विचार…।

• सवाल भूल भुलैया 3 का रिस्पॉन्स काफी अच्छा रहा, आने वाली वरुण धवन की एक्शन एंटरटेनर बेबी जॉन में अपनी भूमिका पर क्या कहेंगे?

जवाब : कालिश भाई के निर्देशन में बनी बेबी जॉन एक बहुत बेहतरीन संवेदनशील फिल्म है। बहुत मजा आया इसमें काम करके। भूल- भुलैया 3 को सुपरहिट बनाने के लिए दर्शकों को बहुत-बहुत धन्यवाद। मुझे पूरा भरोसा है और दुआ करता हूं कि बेबी जॉन, भूल-भुलैया 3 का भी रिकॉर्ड तोड़ेगी।

• सवाल: पीलीभीत में फिल्म सिटी बनाने की पहल कहां तक पहुंची ? इसमें सरकार से अपेक्षा का अनुरूप सहयोग मिल रहा है या नहीं?

जवाब : रुहेलखंड के पीलीभीत में फिल्म सिटी बनाना मेरा सपना है, मैंने पहले उसे फिल्म सिटी माना तब बोला। मैं उसे जल्द ही सरकार के सहयोग से पूरा भी करूंगा। सरकार के अलावा और कोई सहयोग नहीं कर सकता। देखिए जैसे गेहूं खेत में उगाते हैं और फिर उसे मंडी में ले जाते हैं उसी तरह पीलीभीत फिल्म सिटी कला की मंडी होगी। ये मेरा सौभाग्य है कि नेपाल से लेकर लखीमपुर, शाहजहांपुर से चंपावत – रानीखेत तक जल-जंगल-जमीन, पहाड़ और पर्यावरण से ओतप्रोत है। ये क्षेत्र फिल्म सिटी के लिए बेहतरीन है। जो जल्द ही तैयार होगी।

• सवालः आप कहते हैं कि दुनिया  की सबसे बड़ी फिल्म में काम करना चाहते हैं, इसका मतलब समझाइए जरा ?

जवाब : उसकी तैयारी है। अभी नाम मत पूछिये। मैं जो कहता हूं उसकी पूरी तैयारी करने के बाद ही कहता हूं।

यह भी पढ़ें- बरेली: आ ले चक मैं आ गया… परमीश वर्मा के रंग में रंगा अमृत विचार का पांचवां स्थापना दिवस


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