'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' को लेकर अनुपम खेर और हंसल मेहता के बीच जुबानी जंग, जानिए क्यों? – Utkal Mail

नई दिल्ली। दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर और हंसल मेहता के बीच फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ को लेकर जुबानी जंग हो गयी। यह जुबानी जंग मेहता के एक पत्रकार के पोस्ट पर सहमति जताने के बाद शुरू हुई, जिसमें कहा गया था कि 2019 में प्रदर्शित हुई राजनीतिक ड्रामा फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बारे में ‘झूठ’ से भरी हुई थी। भारत में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाने वाले मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। खेर और मेहता के बीच यह जुबानी जंग वरिष्ठ पत्रकार वीर सांघवी की एक पोस्ट के बाद शुरू हुई।
You are one of our best actors Anupam. You play the roles to the best of your ability.
Nobody should blame you. It’s the people who wrote & made the film who have to answer
If you played Macbeth nobody would hold you responsible for Banquo’s murder.
That’s what an actor does— vir sanghvi (@virsanghvi) December 27, 2024
सांघवी ने शुक्रवार को फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ को ‘अब तक की सबसे खराब हिंदी फिल्मों में से एक’ करार दिया। यह फिल्म, सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू के संस्मरण ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ पर आधारित थी। खेर ने फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अभिनेता अक्षय खन्ना ने बारू की भूमिका निभाई थी। विजय गुट्टे द्वारा निर्देशित इस फिल्म में सिंह के नेतृत्व के दौरान राजनीतिक घटनाओं और निर्णयों को दर्शाया गया। फिल्म में प्रधानमंत्री के रूप में उनकी चुनौतियों और उनके प्रशासन पर कांग्रेस पार्टी के प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
सांघवी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “अगर आप मनमोहन सिंह के बारे में जो झूठ बोले गए थे, उन्हें याद करना चाहते हैं, तो आपको ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ को फिर से देखना चाहिए। यह न केवल अब तक की सबसे बुरी हिंदी फिल्मों में से एक है, बल्कि यह इस बात का उदाहरण है कि कैसे मीडिया का इस्तेमाल एक अच्छे आदमी की छवि को खराब करने के लिए किया गया।’’ मेहता (56) ने सांघवी के इस पोस्ट को साझा किया और लिखा, ‘‘100 फीसदी।’’ इससे पहले, फिल्मकार मेहता ने एक पोस्ट में सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया था और कहा था कि देश को ‘उनसे माफी मांगनी चाहिए’।
मेहता ने पोस्ट किया था, “किसी और से ज्यादा मैं उनका ऋणी हूं। चाहे जो भी मजबूरी या इरादा हो, अफसोस है, जिसे मैं बहुत भारी मन से अपने साथ रखूंगा। माफ करें, सर। एक अर्थशास्त्री, वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में आपकी उपलब्धियों के अलावा, आप एक सम्माननीय व्यक्ति थे।” मेहता द्वारा सांघवी के पोस्ट का समर्थन करने से हालांकि खेर नाराज हो गए, जिन्होंने फिल्म निर्माता को ‘पाखंडी’ करार दिया। उन्होंने यह भी बताया कि मेहता ने फिल्म के ‘क्रिएटिव डायरेक्टर’ के रूप में काम किया था। खेर ने कहा, इन सबमें पाखंडी वीर सांघवी नहीं हैं। उन्हें किसी फिल्म को नापसंद करने की आजादी है। लेकिन हंसल मेहता फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ के ‘क्रिएटिव डायरेक्टर’ थे, जो इंग्लैंड में फिल्म की पूरी शूटिंग के दौरान मौजूद थे।
उन्होंने अपनी क्रिएटिव जानकारी दी और इसके लिए उन्होंने फीस भी ली होगी। अभिनेता खेर (69) ने लिखा, इसलिए वीर सांघवी की टिप्पणी पर 100 फीसदी भरोसा जताना बहुत ही गड़बड़ और दोहरे मानदंडों से भरा है! खेर ने कहा कि हालांकि वह सांघवी की राय से सहमत नहीं हैं, लेकिन उनका मानना है कि कलाकार ‘बुरा या उदासीन काम कर सकता है। उन्होंने कहा, लेकिन हमें इसे अपनाना चाहिए। हंसल मेहता की तरह नहीं, जो लोगों के एक खास वर्ग को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। हंसल, बड़े हो जाओ। मेरे पास अब भी हमारे साथ फिल्माए किए गए सभी वीडियो और तस्वीरें हैं!
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