Mamta Kulkarni: ममता कुलकर्णी की वो अनसुनी कहानियां जिसे जानकर रह जाएंगे हैरान, पढ़िये एक नजर में… – Utkal Mail

लखनऊ। 90 के दशक की मशहूर अदाकार ममता कुलकर्णी इन दिनों फिर से चर्चा में हैं। इसकी वजह है यूपी के प्रयागराज में 13 जनवरी से चल रहे महाकुंभ में उनका संन्यास लेना और किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया जाना व फिर हटाए जाना। बता दें कि प्रयागराज कुंभ में किन्नर अखाड़े द्वारा महामंडलेश्वर का पद दिए जाने के बाद से ममता कुलकर्णी यामाई ममता नंद गिरि बन गईं थी, लेकिन विरोध होने के बाद अखाड़े ने इन्हें निष्कासित करते हुए महामंडलेश्वर पद से हटा दिया।
तो आइए जानते हैं उनके जीवन के इस दिलचस्प सफर…
ममता कुलकर्णी की कुल संपत्ति लगभग 10 मिलियन डॉलर (करीब 85 करोड़ रुपये) के आसपास आंकी गई है। बॉलीवुड से दूरी बनाने के बावजूद उनकी संपत्ति ने उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाए रखा। 2000 के दशक की शुरुआत में ममता ने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को छोड़ दिया था और उसके बाद लाइमलाइट से दूर रहीं, लेकिन उनकी संपत्ति आज भी उनकी सफलता की कहानी बयान करती है।
विवादों और कानूनी चुनौतियों का सामना
ममता कुलकर्णी का जीवन हमेशा विवादों और कानूनी चुनौतियों से भरा रहा है। 2015 में ड्रग्स केस में उनका नाम आने के बाद वह कानूनी पचड़ों में फंस गई थीं। इन घटनाओं ने उनके जीवन को एक नया मोड़ दिया और वो अध्यात्म की ओर अग्रसर हो गईं।
90 के दशक की हिट अदाकारा
ममता कुलकर्णी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1992 में फिल्म ‘तिरंगा’ से की थी, जिसमें उन्होंने नाना पाटेकर के साथ अभिनय किया था। इसके बाद ‘अशांत’, ‘आशिक आवारा’ और ‘वक़्त हमारा है’ जैसी हिट फिल्मों में उनके अभिनय ने उन्हें बॉलीवुड में खास पहचान दिलाई। 90 के दशक में ममता कुलकर्णी की लोकप्रियता चरम पर थी और उन्होंने दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई।
आध्यात्मिकता की ओर रुझान
बॉलीवुड को अलविदा कहने के बाद ममता कुलकर्णी ने अध्यात्म को अपनाया। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान उनके सन्यास लेने और महामंडलेश्वर की उपाधि प्राप्त करने की खबर ने सभी को चौंका दिया। लेकिन विरोध के बाद किन्नर अखाड़े ने निष्कासित करते हुए पद हटा दिया। ममता कुलकर्णी की जिंदगी एक उदाहरण है कि कैसे जीवन की मुश्किलों से बाहर निकलकर एक नया रास्ता अपनाया जा सकता है। उनकी यात्रा ने यह साबित कर दिया कि हर चुनौती के बाद एक नई शुरुआत हो सकती है।
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